बुधवार, 4 दिसंबर 2019

डायबिटीज एवं हार्ट डिजीज सहित इन 10 रोगों में फायदेमंद है पपीता | Health Benefits of Papaya for Diabetics And Heart Patients in Hindi

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गुणकारी पपीता हमारे यहां सालों भर उपलब्ध रहता है। यह सेहत से भरपूर और बीमारियों का नाश करने वाला फल है। इसमें विटामिन A, विटामिन C और फाइबर के साथ-साथ ढेर सारे एंटीऑक्सीडेंट्स और उपयोगी एंजाइम्स मौजूद होते हैं, जो हमारी सेहत के लिए कई माइने में लाभकारी साबित होते हैं। इसलिए प्रात:काल पके पपीते के सेवन से ढेरों बीमारियां दूर रहती हैं। यह हमारे पेट, लिवर, ह्रदय और आंखों के साथ-साथ स्किन के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। साथ हीं साथ यह हमें कई अन्य बीमारियों से लड़ने की शक्ति भी प्रदान करता है। आगेेे हम आपको पपीते के सेवन से होने वाले कुछ ऐसे अनूठे फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें जानकर आप भी निश्चित रूप से इस अद्भुत फल का सेवन करने के लिए प्रेरित होंगे।



1. पेट के लिए टॉनिक जैसा (Perfect Tonic for Digestive System) 

पपीते को अगर हम पेट की टॉनिक कहें, तो यह गलत नहीं होगा। क्योंकि यह हमारे पाचन तंत्र के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। इसमें फाइबर और पेपेन सहित अनेक पाचक एंजाइम भी मौजूद होते हैं, जो हमारे पाचन में सहायक होते है। रोजाना इनके सेवन से कब्ज जैसी समस्या दूर रहती है और बॉवेल मूवमेंट (bowel movement) भी ठीक रहता है। साथ हीं साथ यह हमारे यकृत यानी लिवर की क्रियाविधि को सुचारू बनाकर उसे मजबूत बनाने में भी मदद करता हैं।
इसके अतिरिक्त प्रतिदिन खाली पेट पके हुए पपीते का सेवन करने से पेट में कीड़े अर्थात कृमि होने की समस्या भी दूर रहती है। इस तरह से हमारे पूरे पाचन तंत्र के लिए यह फल एक औषधि की भांति कार्य करता है।

2. खराब कोलेस्ट्रॉल कम करे (Helps Reduce LDL-Cholesterol) 

दिल की बीमारी, स्ट्रोक अथवा हृदय आघात (heart attack) के प्रमुख कारणों में से एक है, कोलेस्ट्रॉल। जब LDL-cholesterol, जिसे खराब कोलेस्ट्रॉल भी कहते हैं, धमनी (coronary artery) की अंदरूनी भित्तियों के ऊपर जमा होने लगते हैं तो वे सख्त होकर रक्त के प्रवाह में बाधा या ब्लॉकेज उत्पन्न करते हैं, जिससे स्ट्रोक या हृदय आघात का खतरा बढ़ जाता है।
आपको बता दें कि इस समस्या से बचने के लिए भी पपीते का सेवन करना हमारे लिए अत्यंत लाभदायक हो सकता है। क्योंकि पपीते का सेवन हमारे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL-cholesterol) की मात्रा को कम करने में सहायक होता है। चुकि इसमें प्रचुर फाइबर के साथ-साथ विटामिन C, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट भी उपस्थित होते हैं। ये ब्लड सर्कुलेशन को सुचारु बनाकर धमनी (coronary artery) में खराब कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकते हैं, जिससे ह्रदय रोग की संभावना कम हो जाती है। साथ हीं यह हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थ यानी टॉक्सिंस की सफाई करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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3. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए (Boosts Immunity) 

यदि हम रोजाना पपीता का सेवन करते हैं तो यह हमारे शरीर के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है, चुकि पपीते में पर्याप्त विटामिन C पाया जाता है। एक अध्ययन के अनुसार पपीते में हमारे दैनिक आवश्यकता से 200% अधिक विटामिन C पाया जाता है, जो हमारे शरीर की इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। जिससे ये हमें भांति भांति के रोगों से बचाता है एवं इंफेक्शन आदि से रक्षा भी करता हैं। अतः यदि हम प्रतिदिन खाली पेट इसका सेवन करें तो यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

4. आँखों के लिए फायदेमंद (Good for Eye Health) 

हमारी आँखों के स्वास्थ्य के लिए विटामिन A बहुत जरूरी होता है। एक अध्ययन के मुताबिक 100 ग्राम पके पपीते में लगभग 328 माइक्रोग्राम विटामिन A उपस्थित होता है। ऐसे में हर रोज थोड़ी मात्रा में भी पके पपीता के सेवन से हमें पर्याप्त विटामिन A मिल जाता है। इसके अतिरिक्त यह विटामिन C एवं विटामिन E से भी युक्त होता है, जिससे आंखों की रोशनी हमेशा यथावत बनी रहती है। साथ हीं इनमें मौजूद ल्यूटीन एवं ज़ीक्सैन्थिन नामक एंटीऑक्सीडेंट्स आँखों से संबंधित अन्य बीमारियों को दूर रखने में सहायक होते हैं।


5. स्त्री समस्याओं में भी लाभकारी (Good for Women's Menstrual Health) 

महिलाओं के लिए भी पके पपीते का सेवन करना अत्यंत गुणकारी होता है। विशेषकर मासिक धर्म की अनियमितता व उससे जुड़ी अन्य परेशानियों में भी पके पपीते का सेवन काफी फायदेमंद रहता है। इसके सेवन से शरीर की पीड़ा भी दूर होती है। लेकिन ध्यान रहे कि गर्भवती महिलाओं को कच्चे पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए।

6. त्वचा को जवां बनाए रखने में सहायक (Healthy and Glowing Skin)

पपीता हमारी स्किन के लिए भी काफी अच्छा होता है। यह बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। हर रोज इसके सेवन से त्वचा पर जल्दी झुर्रियां नहीं पड़ती हैं और साथ हीं उनमें नई चमक भी आती है। चुकि पपीते में विटामिन C के साथ-साथ विटामिन E और beta-carotene भी उपस्थित होते हैं, जो त्वचा के लिए बहुत जरूरी होते हैं और उसको अधिक समय तक यंग और जवान बनाए रखने में सहायता करते हैं।

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7. डायबिटीज में फायदेमंद (Great for Diabetics) 

यदि आप टाइप 2 डायबिटीज (diabetes) से रक्षा चाहते हैं तो आपके लिए प्रतिदिन खाली पेट पपीते का सेवन करना लाभकारी हो सकता है। वहीं जो लोग पहले से इस रोग से ग्रस्त हैं, उनके लिए भी खाली पेट पपीते का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है। एक ओर तो यह फाइबर से भरपूर होता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए बहुत जरूरी होता है। वहीं दूसरी ओर इसके सेवन से शरीर में शर्करा की मात्रा भी उतनी नहीं बढ़ती है।

8. वेट लॉस करने में उपयोगी (Helps in Weight Loss) 

पपीते में मिठास होने के बावजूद भी काफी कम कैलोरी पाई जाती है। इसलिए इसके सेवन से वजन बढ़ने की चिंता नहीं रहती है। ऐसे में जो लोग अपने वजन को लेकर काफी कॉन्शियस रहते हैं, उनके लिए भी इस फल का सेवन करना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। चुकि यह वेट लॉस करने में सहायता करता है।

9. कैंसर से बचाव (Protection Against Some Types of Cancer)

प्रतिदिन पके पपीते का सेवन कैंसर जैसे घातक रोग से रक्षा करने में भी उपयोगी होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ-साथ फाइटोन्यूट्रिएंट्स और फ्लेवोनॉयड भी मौजूद होते हैं, जो कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं का शमन करते हैं, अर्थात उन्हें रोकते हैं। साथ हीं यह हमारी कोशिकाओं को फ्री रेडिकल डैमेज से बचाने में भी सहायता करता हैं। कई अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि पपीते में लाइकोपिन की उपस्थिति के कारण इसके सेवन से कोलोन और प्रोस्टेट कैंसर के खतरे में भी कमी आती है।


10. डिप्रेशन में लाभकारी (Relieves Stress and Depression)

कामकाज के बोझ तले कई बार लोग अवसाद ग्रस्त भी हो जाते हैं। ऐसे में प्रतिदिन खाली पेट पपीते का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है। चुकि यह फल विटामिन C से भरपूर होता है, जो स्ट्रेस हार्मोस को रेगुलेट करने में सहायता करते है। यूनिवर्सिटी ऑफ अंबाला में हुए एक अध्ययन के मुताबिक पर्याप्त मात्रा में विटामिन C के सेवन से स्ट्रेस हार्मोन में कमी आती है।

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सोमवार, 2 दिसंबर 2019

सर्दी खांसी और जुकाम ठीक करने के लिए 9 असरदार घरेलू उपाय | 9 Most Effective Home Remedies For Cough And Cold Treatment In Hindi

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बदलते हुए मौसम के दौरान खांसी, सर्दी-जुकाम अथवा वायरल इन्फेक्शन आदि होना आम बात है। बड़े एवं बच्चे सभी इसके प्रभाव में आ सकते हैं। दरअसल ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि ऐसे समय में हमारे शरीर की इम्यूनिटी अर्थात रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर पड़ जाती है। इसलिए ऐसे वक्त में अगर हम लापरवाही बरतते हैं, तो हम जल्दी ही इसकी चपेट में आ जाते हैं और यदि इसका सही उपचार न किया जाए तो यह समस्या और बढ़ सकती हैं। बहुत से लोगों के साथ यह भी दिक्कत होती है कि उनकी सर्दी और खांसी जल्दी ठीक हीं नहीं हो पाती। खास तौर पर जब खांसी सूख जाती है तो यह और भी ज्यादा परेशान करती है।

ऐसे में सर्दी खांसी और जुकाम जैसी समस्याओं से राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय करना सबसे उत्तम होता है। यहाँ हम आपको सर्दी खांसी व जुकाम आदि से आराम दिलाने वाले कुछ ऐसे हीं घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आयुर्वेद पर आधारित हैं और इस तरह की समस्याओं में अत्यंत लाभकारी भी हैं। इसके लिए आपको बहुत अधिक महँगी चीजों की आवश्यकता नहीं है। बल्कि इन औषधियों को आप अपने किचन में मौजूद वस्तुओं की सहायता से हीं तैयार कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि वो उपाय क्या हैं और उन्हें तैयार करने की सामग्री और विधि क्या है।


उपाय 1 — (औषधीय काढ़ा - Medicinal Herbal Tea For Cough and Cold) 

इस उपाय से सर्दी खांसी का उपचार करने के लिए आपको निम्नलिखित चीजों की आवश्यकता होगी -

सामग्री –


  • पानी - 3 कप 
  • साबुत जीरा - आधा चम्मच 
  • साबुत अजवाइन - आधा चम्मच 
  • काली मिर्च - चार से पांच दाने 
  • अदरक - थोड़ा कद्दूकस (यदि हाई बीपी है तो अदरक प्रयोग में ना लाएं)
  • दालचीनी - आधा चम्मच पाउडर अथवा साबुत कूटकर 
  • थोड़ा सा गुड़ 
  • तुलसी का पत्ता - 6 से 8 पत्ती


औषधीय काढ़ा तैयार करने की विधि (How To Prepare Medicinal Herbal Tea) –

इस औषधीय काढ़े को तैयार करने के लिए आवश्यक सभी सामग्रियां आपके किचन में ही उपलब्ध होती हैं। इसको तैयार करने के लिए सर्वप्रथम आप 3 कप पानी एक बर्तन में लीजिए और इसे उबलने के लिए रख दीजिए। जब यह उबलने लगे, तब इसमें आधा चम्मच साबुत जीरा, आधा चम्मच दालचीनी पाउडर अथवा साबुत कूटकर, आधा चम्मच अजवाइन, काली मिर्च के 4 से 5 दाने कूटकर, थोड़ा सा अदरक, तुलसी की 6 से 8 ताजी हरी पत्तियां और एक छोटी सी गुड़ की डली डालकर थोड़ी और देर तक इसे उबलने दें। जब यह काढ़ा उबलकर आधा हो जाए, तब इसे आंच से उतार लें और थोड़ा गुनगुना रहते चाय की तरह हीं इस औषधीय काढ़े का सेवन करें। यदि आप चाहें तो इसमें थोड़ा शहद मिलाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं।

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औषधीय काढ़े से लाभ (Benefits of Medicinal Herbal Tea) -

सर्दी जुकाम से लेकर पुरानी सूखी खांसी, चेस्ट कन्जेशन या सीने में जकड़न, श्वास विकार, सिरदर्द व सर्दी के अन्य लक्षणों में भी इस काढ़े का सेवन करना फायदेमंद रहता है। इससे कफ व बलगम साफ होता है एवं गले की खराश आदि समस्याओं में भी आराम मिलता है। यह वायरल इन्फेक्शन से हमारी रक्षा करता है। साथ ही ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करता है। यूं तो इस औषधीय काढ़े को हम किसी भी समय पी सकते हैं, परन्तु प्रात: काल इसका सेवन करना अधिक लाभकारी होता है।

इसके अतिरिक्त कुछ अन्य घरेलू उपायों से भी सर्दी जुकाम और खांसी आदि से राहत पा सकते हैं।

उपाय 2 — (हल्दी वाला दूध - Golden Milk For Immunity)

हल्दी (Turmeric) केवल मसाला नहीं है, बल्कि एक प्रमाणित औषधि भी है। इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण पाया जाता है। अत: ये रोगाणु नाशक का भी कार्य करता है और हमें संक्रमण से बचाता है। यही कारण है कि ये सर्दी जुकाम और उसके दूसरे लक्षणों पर भी असरदार होता है। ऐसे में हल्दी को दूध में उबालकर पीने से वायरल इन्फेक्शन की वजह से होने वाले विभिन्न रोग दूर रहते हैं। केवल इतना हीं नहीं, यह श्वास संबंधी विकार दूर करने में भी उपयोगी होता है। साथ ही हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायता करता है।

हल्दी वाला दूध तैयार करने के लिए पहले एक ग्लास दूध को उबालने के लिए रख दें। जब यह उबलने लगे तब इसमें आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं और थोड़ी देर तक उबलने दें। आधा हो जाने पर इसे गुनगुना करके पिएं। इससे विभिन्न रोगों से रक्षा होगी। साथ ही एनाल्जेसिक गुणों से युक्त होने के कारण शरीर की पीड़ा भी दूर होगी।
(नोट: दूध यदि देसी गाय का हो तो सर्वोत्तम होगा)


उपाय 3 — (केसर दूध एवं जायफल का उपयोग - Kesar Milk With Nutmeg)

सर्दी व जुकाम आदि से शीघ्र राहत दिलाने में यह उपाय भी उपयोगी साबित हो सकता है। चुकि जायफल (Nutmeg) की तासीर गर्म होती है। इसलिए गुनगुने दूध में सिर्फ चुटकी भर (अधिक नहीं) जायफल मिलाकर पीना लाभकारी हो सकता है। यदि आप चाहें तो दूध में चुटकी भर जायफल और केसर डालकर, उसे उबालकर भी उसका सेवन कर सकते हैं। इससे सर्दी जुकाम आदि से जल्दी आराम मिल जाता है।

उपाय 4 — (नमक और पानी का गरारा - Salt Water Gargle for Viral Infection)

सर्दी जुकाम चुकि वायरल इंफेक्शन की वजह से होता है। ऐसे में पानी और नमक का गरारा करना फायदेमंद रहता है, क्योंकि इससे इंफेक्शन दूर होता है। इसके लिए आवश्यकतानुसार पानी लें और उसमें आधा चम्मच नमक डालकर उसे खूब उबालें। जब यह हल्का गुनगुना रह जाए, तब इससे गरारा करें। यह न केवल सर्दी जुकाम से राहत दिलाएगा, बल्कि नाक और गला साफ करनेे में भी सहायक होगा।

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उपाय 5 — (शहद का उपयोग - Honey for Cold and flu)

शहद भी औषधीय गुणों से युक्त होता है। इसमें भी संक्रमण को दूर करने की क्षमता मौजूद होती है। इसलिए सर्दी जुकाम आदि में इसका प्रयोग करना फायदेमंद हो सकता है। वैसे तो शहद को आप सामान्य सिरप की तरह भी सेवन कर सकते हैं, लेकिन यदि आप शहद में कच्चे लहसुन की एक से दो कलियां डालकर एक साथ खाएं, तो इससे इसके फायदे कई गुना बढ़ जाते हैं। क्योंकि ये दोनों ही एंटीबैक्टीरियल एवं एंटीवायरल गुणों से युक्त होते हैं, जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अर्थात बीमारियों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाते हैं।

शहद का उपयोग आप गुनगुने पानी के साथ भी कर सकते हैं। इसके लिए गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद डालकर, उसमें नींबू की कुछ बूंदें डालें और फिर इसका सेवन करें। इससे भी सर्दी जुकाम में लाभ होगा। साथ ही इससे शरीर को डिटॉक्सिफाई करने और वजन कम करने जैसे और भी ढेरों फायदे होंगे।

उपाय 6 — (भुनी हुई काली मिर्च - Roasted Black Pepper for Cough and cold)

सर्दी जुकाम को ठीक करने के लिए काली मिर्च का प्रयोग करना एक कारगर उपाय हो सकता है। इसके लिए काली मिर्च (Black Peppers) के 5 से 7 दाने लेकर उसको देसी गाय के घी में पका लीजिए। फिर इसको बारी बारी से एक-एक दाना लेकर चबाकर खाते जाएं। इसके ऊपर से हल्का गुनगुना दूध या गुनगुना पानी पी लें। इससे सर्दी के लक्षणों से तत्काल राहत मिलती है। साथ हीं रोग प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है।

उपाय 7 — (पान के पत्ते की औषधि - Betal Leaves Remedy)

इस उपाय में दो से तीन पान की पत्तियों को पीसकर उसका रस निकाल लें। अब इसमें थोड़ा सा अदरक का रस और 1-2 लौंग कूटकर मिलाएं। इसके बाद इसमें थोड़ा सा शहद मिला लें, फिर इसका सेवन करें। इस नुस्खे से भी सर्दी जुकाम में जल्दी आराम मिल सकता है।


उपाय 8 — (गुड़ के साथ काली मिर्च का सेवन - Jaggery with Black Pepper Seeds)

गुड़ में जिंक, सेलेनियम, कैल्शियम और आयरन जैसे अनेक पोषक तत्वों के साथ साथ प्रचुर एंटीऑक्सीडेंट्स भी मौजूद होते हैं। इसका सेवन हमारे शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने और विभिन्न प्रकार के संक्रमणों एवं फ्लूू आदि से बचाने में भी सहायक होता है। साथ हीं काली मिर्च भी औषधीय गुणों से परिपूर्ण होता है।

ऐसे में यदि हम गुड़ और काली मिर्च के कुछ दाने एक साथ खाएं, तो इससे सर्दी खांसी जुकाम व वायरल इंफेक्शन आदि समस्याओं में फायदा पहुंचता है। इसके अलावा चुकि गुड़ में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट उपस्थित होता है, अत: यह हमें पर्याप्त ऊर्जा भी प्रदान करता हैं।
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उपाय 9 — (तेजपत्ते वाली चाय - Bay Leaf Tea)

चाय बनाने के दौरान तेजपत्ता का प्रयोग करने से सर्दी जुकाम के लक्षणों में लाभ होता है। यह हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। साथ हीं अन्य लक्षणों, जैसे सोर थ्रोट, स्नीजिंग, नोज रनिंग एवं हेडेक आदि में भी लाभ पहुंचाता है। इसके अलावा ये कब्ज एवं एसिडिटी से राहत दिलाने में भी कारगर होता है।

कुछ अन्य सुझाव (Some More Tips) :

सर्दी खांसी व जुकाम आदि होने पर पानी को हमेशा उबालकर पीना चाहिए। इसके लिए जब पानी को उबालने के लिए डालें तो उसे उबलकर आधा हो जाने दें, फिर गुनगुना होने के बाद उसको पीएं। इससे सर्दी खांसी व जुकाम आदि को जल्दी ठीक करने में सहायता मिलती है।

यद्यपि ऊपर बताए हुए सभी उपाय अत्यंत लाभकारी एवं उपयोगी हैं, परन्तु इनके प्रत्येक व्यक्ति पर समान एवं वांछित रूप से प्रभावकारी होने का दावा नहीं किया जा सकता। अत: इनका प्रयोग विशेषज्ञ की सलाह से आश्वस्त होकर हीं करें।

सोमवार, 30 सितंबर 2019

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए करें ये 5 घरेलु उपाय | 5 Home Remedies To Control High Blood Pressure In Hindi

उच्च रक्तचाप यानी High Blood Pressure की समस्या से बहुत से लोग जूझ रहे हैं। दुनिया भर में करीब 1 बिलियन से ज्यादा लोग इससे प्रभावित है। ऐसे लोगों को हर रोज अपने ब्लड प्रेशर की जाँच करते रहना चाहिए। इसमें जरा भी लापरवाही करने से काफी नुकसान हो सकता है। अगर हम Blood Pressure को नियंत्रित नहीं रखते हैं तो इससे हृदयरोग या हृदयाघात का भी खतरा रहता है। इसके अतिरिक्त हाई ब्लड प्रेशर से किड़नी को भी क्षति पहुंच सकती है। ऐसे में इसको नियंत्रित करने के लिए लोग बहुत से दवाओं का सेवन भी करते हैं, परंतु यहां हम आपको हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने के कुछ ऐसे घरेलू उपाय बता रहे हैं, जो इसमें काफी उपयोगी हो सकते हैं। इसके साथ हीं इसको नियंत्रित रखने के लिए कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखना और उनका पालन करना भी अनिवार्य है।

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उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करने के लिए आजमाएं ये 5 घरेलु उपाय

हाई ब्लड प्रेशर को सामान्य करने हेतु हम जो घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं, वह आपकी रसोई में हीं है। क्योंकि हमारे किचन में मौजूद मसालों आदि में अनेक औषधिय गुण पाए जाते हैं, जिनका प्रयोग हम औषधिय उपचार हेतु भी कर सकते हैं। तो अब आइए जान लेते हैं कि उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए हमलोग किन किन घरेलु तरीकों का उपयोग कर सकते हैं।

धनिया चूर्ण का सेवन -

हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित व्यक्ति को कोरिएंडर अर्थात धनिए के चूर्ण का सेवन करना चाहिए। ये हाई बीपी को समान्य करने में मदद करता है। इसके लिए धनिया को भूनकर उसका चूर्ण बना लीजिए और उसमें थोड़ा सा शक्कर मिलाकर प्रतिदिन इसका सेवन कीजिये। इससे उच्च रक्तचाप कंट्रोल में रहता है। अगर डायबिटीज के मरीज हैं तो बिना शक्कर मिलाए सिर्फ धनिया के चूर्ण को पानी के साथ लें।

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मेथी और अजवायन का पानी -

High Blood Pressure में मेथी एवं अजवायन का पानी भी बहुत लाभकारी होता है। हाई बीपी के रोगियों को इससे काफी लाभ मिलता है। इसके लिए एक चम्मच मेथी और अजवायन के चूर्ण को पानी में डालकर रातभर के लिए छोड दीजिए। अगले रोज सुबह में इसे छानकर खाली पेट इसका पानी पिएं, लाभ मिलेगा।


त्रिफला की औषधि -

त्रिफला वास्तव में 3 फलों आंवला, बिभीतिका और हरितिका का मिश्रण है। जिनका प्रयोग कई रोगों के उपचार हेतु किया जाता है यह High Blood Pressure में भी फायदेमंद होता है। इसके लिए 20 ग्रा. त्रिफला लें और इसको रात में पानी में भिगाकर रख दें। अगले दिन सुबह इस पानी को छानकर, इसमें 2 चम्मच शहद मिला कर इसको पिएं। इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

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दालचीनी की चाय -

प्रतिदिन सुबह में दालचीनी की चाय पीने से भी हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इसको तैयार करना भी बहुत ही आसान है। इसके लिए नॉर्मल चाय तैयार करते वक्त जब ये उबलना शुरू हो जाए, तब इसमें 1 चम्मच दालचीनी का पाउडर डाल दीजिए, या फिर आप साबुत दालचीनी को कूट कर भी डाल सकते हैं। इसे थोड़ी देर तक और उबलने दें। इसके बाद छानकर सामान्य चाय की तरह पिएं।

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कुछ अन्य सुझाव -

इन सब उपायों को अपनाने के साथ ही साथ High Blood Pressure के मरीजों को अपनी दैनिक क्रियाकलाप और जीवनशैली में सुधार लाना भी जरूरी है। साथ हीं कुछ और बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि सोने और जागने का वक्त निश्चित करना, तनाव मुक्त रहना, रोज योग और कसरत करना, शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सुचारू बनाने के लिए सप्ताह में तीन से चार बार शरीर की मालिश करवाना, भोजन में नमक बहुत ही कम मात्रा में लेना आदि। इस प्रकार से आप High Blood Pressure को नियंत्रित रख सकते हैं।

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यद्यपि ये घरेलू उपाय प्राकृतिक हैं, किंतु हम इनके आंशिक या पूर्णतया प्रभावकारी होने का दावा नहीं करते। अतः इनका प्रयोग विशेषज्ञ की सलाह से आश्वस्त होकर हीं करें।

शुक्रवार, 27 सितंबर 2019

चौड़े और मजबूत कंधे बनाने के लिए 5 जबरदस्त एक्सरसाइज | 5 Effective Workouts For Bigger And Stronger Shoulder Delts In Hindi

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सॉलिड बाइसेप्स और चौड़ी छाती के साथ साथ मजबूत व चौड़े कंधे भी मर्दों की पर्सनालिटी को और ज्यादा निखारते हैं। इसलिए बाकी वर्कआउट के साथ-साथ शोल्डर्स के लिए खास वर्कआउट करना भी जरूरी है। डेल्टॉयड्स यानी शोल्डर मसल्स की ग्रोथ के लिए यह जरूरी है कि उन्हें अच्छी तरह ट्रेन किया जाए। तभी हमारी अपर आर्म मसल्स ग्रो कर पाएंगे।

इसलिए यहाँ इस आर्टिकल में हम व्यायाम के कुछ ऐसे तरीके और एक्सरसाइज के बारे में बताएंगे, जो हमारे कंधों को मजबूत और चौड़ा बनाने में मददगार और इफेक्टिव साबित होते हैं। सबसे अच्छी बात ये है कि आप इन्हें अपने घर पर ही कर सकते हैं। तो आइए अब जानते हैं कि वे वर्कआउट टिप्स क्या है?

चौड़े और मजबूत कंधे बनाने के लिए 5 जबरदस्त एक्सरसाइज ( 5 Most Effective Workouts For Strong Shoulders )


जब बात हो शोल्डर्स की तो हमें ऐसे वर्कआउट करने की जरूरत होती हैं, जिससे खास तौर पर Delts अर्थात कंधे की मांसपेशियों पर जोर पड़े। आगे हम कुछ ऐसे 5 एक्सरसाइज के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कि स्पेशली शोल्डर मसल्स के ऊपर काम करते हैं और उन्हें स्ट्रैंग्थ प्रदान करते हैं।

1. डंबल या बारबेल ओवरहेड प्रेस ( Dumbbell or Barbell Overhead Press )
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शोल्डर मसल्स की ग्रोथ और प्रभावकारी ढंग से मजबूत बनाने के लिए ये काफी बढ़िया एक्सरसाइज है। इसे आप जिम या घर दोनों जगह पर कर सकते हैं। इस वर्कआउट को करने के लिए डंबल व बारबेल को दोनों हाथों से इस प्रकार पकड़ें कि आपके दोनों हाथों के बीच की दूरी आपके कंधों की चौड़ाई से थोड़ी ज्यादा हो। इस तरह से पकड़कर बारबेल को कंधे तक उठाएं, फिर लंबवत सीधे ऊपर उठाएं और फिर कंधों तक नीचे लाएं। इस प्रक्रिया को रिपीट करते रहें।
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शुरू में आप इस वर्कआउट के 10 से 15 रिपीटेशन के 1-2 सेट लगाएं। इससेे आपके कंधे की मांसपेशियां विकसित होंगी और साथ हीं मजबूत भी।

2. डंबल रेज़ या डंबल फ्लाई (Dumbbell Raise or Dumbbell Fly )

यह डंबल की मदद से किया जाने वाला व्यायाम है। इसके लिए हमें दो हल्के डंबलों की आवश्यकता होगी। इस वर्क आउट को करने के लिए दोनों पैरों के बीच थोड़ा गैप देकर सीधे खड़े हो जाएं। फिर पूरे शरीर को स्थिर रखते हुए दोनों हाथों से डंबल को अपने शरीर से 90 डिग्री के कोण तक दोनों साइड ऊपर की ओर उठाएं और धीरे-धीरे नीचे लाएं। इसको कुछ देर रिपीट करते रहें।
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इस वर्कआउट के 8 से 10 रिपीटेशन के 2 से 3 सेट लगाएं। इस तरीके से डंबल रेज़ करने के अलावा भी हम स्टैंडिंग पोजीशन में कई और तरीकों से डंबल रेज़ कर सकते हैं यानी उठा सकते हैं। जैसे कि डंबल को लेटरल रेेज़ करना, डंबल को सामने की ओर दोनों हाथों से अल्टरनेटली बारी बारी से उठाना या फिर बेंच के सहारे आगे की ओर झुककर या बैठकर उठाना। इस व्यायाम से हमारे कंधे की हड्डियां काफी मजबूत हो जाती हैं, साथ हीं मसल्स भी बढ़ते हैं।

3. हैंड स्टैंड पुश अप ( Handstand Push Ups )

हैंड स्टैंड, पुश अप करने का एक खास तरीका होता है, जिसे बड़ी सावधानी से करना पड़ता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है, इस व्यायाम में हमें अपने हाथों के बल पर खड़े होकर पुश अप करना होता है। इसके लिए हमें एक दीवार का सहारा भी लेना पड़ता है।
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अगर आप इसके लिए किसी व्यक्ति का सहारा लेते हैं तो यह उत्तम होगा। अब आप इसी मुद्रा में पुश अप रिप लगाएं। लेकिन उतना ही जितना सहन हो सके। यह व्यायाम हमारे कंधों को मजबूत और आकर्षक बनाने में काफी प्रभावी होता है।

4. नॉर्मल पुश अप ( Hindu Push Ups )

नार्मल पुश अप, जिसे आमतौर पर हिंदू पुशअप भी कहते हैं, यह हमारे कंधों के लिए शानदार कसरत है। यह तो आप जानते ही हैं कि नार्मल पुश अप जमीन पर दंडवत लेट कर अपने हाथों व कंधों के बल पर शरीर को ऊपर नीचे उठाकर किया जाता है। लेकिन इसमें आपको शरीर को ऊपर उठाते वक्त भुजंगासन यानी कोबरा पोज और फिर पर्वतासन अर्थात माउंटेन पोज को भी शामिल करना होता है।

इस व्यायाम से हमारे चेस्ट के साथ-साथ कंधों की मांसपेशियों पर अधिक जोर पड़ता है। नियमित रूप से ऐसा करने से कंधे की मसल्स में गठीलापन और मजबूती आती है।

5. बेंच डिप्स ( Bench Dips )

हमारे कंधे की मांसपेशी को मजबूत बनाने में बेंच डिप्स बहुत असरदार होता है। इस वर्कआउट में एक बिना हिलने डुलने वाली बेंच के सहारे डिप्स लगाया जाता है। डिप्स लगाने के लिए अपने दोनों हाथ के दोनों पंजों को बेंच के ऊपर टिकाएं। फिर घुटनों को मोड़ते हुए कंधे के बल पर पूरे शरीर को नीचे जाने दें और फिर ऊपर उठाएं। इस दौरान अगर आप चाहें तो अपने दोनों पैरों को किसी टेबल के ऊपर भी सकते हैं। इससे और भी अधिक प्रभावी हो जाएगा।
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इस वर्कआउट के 10 से 15 रिपीटेशन के दो से तीन सेट लगाएं। इस एक्सरसाइज से हम आसानी से चौड़े और मजबूत कंधे पा सकते हैं।

डायट प्लान ( Diet Plan )

व्यायाम के साथ-साथ हमारे लिए एक उचित पोषण भी जरूरी है। इसके लिए हमें दूध, दही, घी, अंडा, विभिन्न प्रकार की दालें, कद्दू के बीज, अनाज, हरी सब्जियां, अंकुरित चने व मूंग और फलों का सेवन करना चाहिए।
सुबह का नाश्ता भरपूर और हेल्दी होना चाहिए, जिसमें आप दूध, उबले हुए अंडे, ब्रेड, और अंकुरित अनाज अनाज आदि शामिल कर सकते हैं। आप एक बार में ढेर सारा ना खाकर दिन भर में 5 से 6 बार हेल्दी स्नैक्स खाए।
भोजन के अलावा भी ड्राई फ्रूट, फलों के सलाद और पोस्ट वर्कआउट मिल्क शेक आदि का सेवन करते रहे। पर्याप्त लिक्विड लेने के साथ-साथ भरपूर पानी भी पिएं।
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इस तरह से आप इन 5 एक्सरसाइज टिप्स की मदद से सॉलिड और स्ट्रांग शोल्डर के साथ साथ मजबूत और आकर्षक बॉडी बना सकते हैं। हम आशा करते हैं कि इस पोस्ट के माध्यम से दी हुई जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी।

इस बारे में आप अपने विचार हमें अवश्य बताएं। साथ ही साथ अगर आपको ये पोस्ट उपयोगी लगा तो इसे शेयर जरूर करें।

मंगलवार, 24 सितंबर 2019

किडनी को नुकसान पहुंचाती है आपकी ये 5 गलत आदतें | 5 Unhealthy Habits That May Cause Kidney Damage | Life Ka Mantra Hindi

रक्त में मौजूद अशुद्धियों को छानने का काम हमारे किडनी द्वारा किया जाता है। यदि किडनी सही तरीके से अपशिष्ट पदार्थों को छानने का काम ना करें तो हमारे शरीर में टॉक्सिंस भी फैल सकते हैं, जिसके कारण जान पर भी आफत आ सकती है। ऐसे में हमारे किडनी को स्वस्थ रखने एवं उसके सेहत का ख्याल रखने के लिए हमें कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देना जरूरी है। आमतौर पर बहुत से लोग अपने दैनिक जीवन में ऐसी गलत आदतें पाल लेते हैं, जिससे किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही कुछ आदतों से अवगत कराना चाहते हैं।
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किडनी को नुकसान पहुंचाती है आपकी ये 5 गलत आदतें

स्मोकिंग की आदत -

स्मोकिंग या अल्कोहल की आदत भी हमारे किडनी को कमजोर बना सकती हैं। एक तरफ जहां अल्कोहल की वजह से हमारे भीतरी अंग डीहाइड्रेट हो जाते हैं। वहीं दूसरी तरफ स्मोकिंग के कारण हमारे ब्लड वेसल्स भी सिकुड़ने लगते हैं। इस वजह से हमारे शरीर का रक्तचाप भी असंतुलित होने लगता है। इन सब चीजों से किडनी को भी नुकसान पहुंच सकता है।
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पानी कम पीना-

किडनी के सही तरीके से कार्य करने के लिए शरीर में पर्याप्त पानी का मौजूद होना अत्यंत आवश्यक है। नेशनल किडनी फाउंडेशन के जानकारों के अनुसार इसकी कमी से हमारे शरीर में टॉक्सिक पदार्थों का सांद्रण बढ़ने लगता है, जिससे हमारे किडनी पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए उनको स्वस्थ रखने के लिए दिन में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीना सही होता है।

ज्यादा देर लघुशंका रोकना -

जब भी हमें लघुशंका आती है तो इससे हमारा शरीर अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने का संकेत देता है। ऐसे में इन्हें हम जितनी ज्यादा देर तक इसे रोककर रखते हैं, ये किडनी को उतनी ही अधिक क्षति पहुंचाते हैं। साथ ही इन टॉक्सिक पदार्थों के शरीर में फैलने की भी आशंका होती है। ऐसे में आपको ऐसा करने से बचना चाहिए।

अतिरिक्त नमक का सेवन -

बहुत से लोग भोजन करते समय अलग से नमक लेकर खाने की आदत से मजबूर हैं। आपको बता दें कि इस आदत से भी को किडनी को नुकसान पहुंचता है। क्योंकि आवश्यकता से अधिक मात्रा में नमक का सेवन करने से शरीर में सोडियम बढ़ने लगता है, जिससे ब्लड प्रेशर भी हाई हो जाता है। ऐसा होने से किडनी को क्षति पहुंचती है।
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जरूरत से ज्यादा प्रोटीन लेना -

प्रोटीन हमारे शरीर की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करते हैं। इसलिए यह हमारे लिए आवश्यक है, लेकिन जब हम एक ही समय पर आवश्यकता से अधिक प्रोटीन ले लेते हैं तो इससे भी हमारे किडनी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, क्योंकि हमारे किडनी प्रोटीन में उपस्थित नाइट्रोजन एवं अमोनिया जैसी इंप्योरिटीज को छानते हैं, परंतु जब उसकी मात्रा अधिक हो जाती है तो किडनी पर ज्यादा दबाव पड़ने लगता है, जो कि उनके लिए नुकसानदेह हो सकता है।

इन सभी आदतों के अलावा बार बार दर्द कम करने की दवाई यानी पैनकिलर्स के सेवन से भी किडनी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। ऐसे में किडनी को सेहतमंद रखने के लिए इन सभी आदतों से परहेज करना ही उत्तम है।

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सोमवार, 3 जून 2019

अनानास के सेवन से होते हैं ये 5 बेहतरीन फायदे | 5 Amazing Health Benefits Of Pineapple In Hindi | LifeKaMantraHindi

अनानास एक ऐसा रसीला फल है जो सेहत से भरपूर होता है। इसके सेवन से ढेर सारे फायदे होते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। साथ हीं साथ इसमें आवश्यक एंजाइम्स भी उपस्थित होते हैं। इसे सलाद के रूप में खाने के अलावा बहुत से लोग इसका जूस पीना भी पसंद करते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको अनानास के सेवन से होने वाले कुछ बेहतरीन फायदों के बारे में बताएंगे।

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1. हड्डियों को रखे स्वस्थ ( Keep Bones Healthy )

अनानास हमारी हड्डियों के लिए बहुत ही उत्तम होता है। इसमें मैगजीन मौजूद होता है, यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि मैग्नीज तत्व भी हमारी हड्डियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा इसमें उपस्थित ब्रोमेलीन के एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण गठिया और जोड़ों के दर्द में भी लाभ पहुंचाते हैं।

2. हृदय रोग से बचाव ( Protection Against Heart Disease )

अनानास एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। यह कैंसर पैदा करने वाले सेल्स और फ्री रेडिकल्स को दूर करने में मदद करता है। साथ ही यह शरीर के खराब कोलेस्टेरॉल को भी कम करता है। इस तरह से यह हमें हार्ट डिजीज से बचाने में भी सहायता करता है। इसके अलावा अनानास में उपस्थित ब्रोमेलेन हमारी धमनियों में ब्लड क्लोटिंग होने से रोकता है और सूजन भी दूर करता हैं।

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3. डायबिटिक के लिए भी उत्तम (Good For Diabetics Also)

आप यह सोच रहे होंगे कि अनानास तो मीठा फल है, तो फिर डायबिटिक लोग इसे कैसे खा सकते हैं। लेकिन यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि अनानास फल भले ही स्वाद में काफी मीठा होता है, लेकिन इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स और कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। इस कारण से इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल में अधिक बढ़ोतरी नहीं होती है, इसलिए मधुमेह के रोगी भी इसे सलाद के रूप में खा सकते हैं।

4. त्वचा बनाए ग्लोइंग ( Healthy And Glowing Skin )

अनानास में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट्स बढ़ती उम्र के लक्षणों को भी कम करते है। इसमें विटामिन सी भी पाया जाता है, जो त्वचा की झुर्रियों को कम करता है और स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग बनाने मदद करता है। साथ ही साथ यह हमारी आंखों के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है।

5. पाचन तंत्र के लिए एंजाइम ( Excellent For Digestive System )

अनानास में डाइटरी फाइबर उपस्थित होता है, जो हमारे पाचन के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। इसमें उपस्थित एंजाइम हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। साथ हीं यह हमारी आंत को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी अत्यंत लाभदायक होता है।

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