अच्छी बॉडी बनाने की चाहत हम सभी के भीतर होती है। क्योंकि इससे न केवल हमारी पर्सनालिटी अट्रैक्टिव और इंप्रेसिव लगती है, बल्कि इससे हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ जाता है। अच्छी फिजिक होने के बहुत से एस्पेक्ट्स यानी पहलू होते हैं। जैसे अच्छी हाइट, चौड़ा सीना, चौड़े और मजबूत कंधे, स्ट्रांग आर्म्स बाइसेप और ट्राइसेप इत्यादि। अगर आप भी आकर्षक बॉडी बनाने की चाहत रखते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी हो सकता है। यहाँ इस आर्टिकल में हम बाइसेप और ट्राइसेप के बारे में बात करेंगे, जो स्ट्रांग आर्म्स के लिए बहुत ही जरूरी है।
भुजाओं को आकर्षक बनाने के लिए बाइसेप और ट्राइसेप के ऊपर काम करना बहुत इंपॉर्टेंट है। बाइसेप हमारे अपर आर्म का सामने का हिस्सा होता है, वही ट्राइसेप, अपर आर्म के पीछे के भाग को कहते हैं। यह भी तीन हिस्सों में बटा होता है। जब हम अपने बाजुओं को मोड़ते हैं तो बाइसेप कॉन्ट्रैक्ट होता है यानी सिकुड़ता है, जो हमें मसल्स के रूप में दिखता है। इस समय हमारे ट्राइसेप में फैलाव होता है। जब हम अपने बाजूओं को खोलते है, तब ट्राइसेप्स कॉन्ट्रैक्ट होता है और बाइसेप फैलता है। हमारे आर्म्स को मजबूत एवं आकर्षक दिखाने में ये दोनोंं ही महत्वपूर्ण होते हैं।
बाइसेप्स के लिए एक्सरसाइज ( Exercise for Stronger and Bigger Biceps )
बाइसेप मसल्स को मजबूत बनाने के लिए वैसे तो बहुत से वर्कआउट ट्राई कर सकते हैं लेकिन इसके लिए जो वर्कआउट सबसे ज्यादा प्रभावकारी होता है, आगे हम उसी के बारे में बताने वाले हैं।
बारबेल कर्ल ( Barbell Curl )
बाइसेप मसल्स बनाने के लिए सबसे ज्यादा प्रभावी जो वर्कआउट होता है, वह है बारबेल कर्ल। जो लोग इस शब्द से परिचित नहीं हैं, उन्हें बता देना जरुरी है कि बारबेल कर्ल वर्कआउट में हम बारबेल को सीने तक उठा कर लाते हैं, फिर जांघ तक ले जाते हैं और इसी प्रक्रिया को बार-बार दोहराते हैं। इसमें 8-10 रिपीटेशन के तीन सेट लगाएं।
बारबेल कर्ल को आमतौर पर डंबल मारना भी कहा जाता है। इसको करने की सही तकनीक यह है कि जब भी आप बारबेल को ऊपर नीचे कर्ल करें तो उस दौरान शरीर को हिलने ना दें। उस समय सिर्फ आपके हाथ हीं अपनी कलाई की सहायता से बारबेल को कर्ल करते रहना चाहिए।
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जब बारबेल को आप सीने तक लेकर जाएं तो कंधे के मसल को टाइट करें। इससे बाइसेप मसल्स को मजबूती मिलेगी। क्योंकि बारबेल कर्ल को दोनों हाथों की मदद से किया जाता है। इसलिए दबाव दोनों बाहों के बाइसेप पर समान रूप से पड़ता है।
डंबल कर्ल ( Dumbbell Curl )
यह वर्कआउट बारबेल कर्ल के समान ही होता है, लेकिन इसमें बारबेल की जगह हम डंबल का प्रयोग करते हैं। डंबल की सहायता से हम दोनों हाथों से बारी बारी से वर्क आउट कर सकते हैं। इसको करते समय भी शरीर के बाकी अंगोंं को स्थिर रखते हुए केवल अपने आर्म्स को स्क्वीज करना होता है।
इसमें बाइसेप मसल्स पर फोकस करते हुए वर्कआउट करना ज्यादा जरूरी होता है। इस वर्कआउट को भी 10 से 15 रिपीटेशन के साथ दो से तीन सेट लगाएं। रोज इस वर्कआउट को करके हम मजबूत और बड़े बाइसेप बना सकते हैं।
ट्राइसेप्स के लिए एक्सरसाइज ( Triceps Workout )
जैसे कि हमने पहले भी बताया कि ट्राइसेप हमारे अपर आर्म का पिछला भाग होता है और बाइसेप के फैलने पर यह सिकुड़ता है। इसके 3 भाग होते हैं, इसलिए इसे ट्राइसेप कहा जाता है। आगे हम आपको ट्राइसेप के लिए कुछ बेहतरीन एक्सरसाइज के बारे में बताएंगे।
डायमंड पुशअप ( Diamond Push Ups )
डायमंड पुश अप में पुशअप करने के दौरान हमें हाथों की पोजीशन थोड़ी अलग होती है। इसमें हाथ के दोनों पंजों को एक जगह लाकर दोनों तर्जनी और दोनों अंगूठे को आपस में से सटा कर पुश अप करना होता है। यह वर्कआउट भी हमारे आर्म्स और ट्राइसेप्स को मजबूत बनाने में कारगर साबित होता है।
ओवरहेड एक्सटेंशन (Overhead Extension For Triceps )
इस वर्क आउट को हम बारबेल या डंबल दोनों के सहायता से कर सकते हैं। इस वर्कआउट में वेट को दोनों हाथों के सहारे सिर के पीछे की ओर झुकाया जाता है और फिर ऊपर उठाया जाता है। इससे ट्राइसेप मसल्स स्क्विज होती हैं। इसको ही ट्राइसेप ओवरहेड एक्सटेंशन कहा जाता है।
यह एक्सरसाइज ट्राइसेप मसल्स को मजबूत बनाने में काफी इफेक्टिव होता है। इस वर्कआउट में भी 10-10 रिपीटेशन करते हुए 2 से 3 सेट लगाएं।
डंबल किकबैक ( Tricep Dumbbell Kick back )
इस वर्कआउट में हम डंबल का प्रयोग करते हैं, जिसमें हम एक बेंच पर घुटने को टिका कर और हांथ का एक पंजा बेंच के ऊपर रखकर, उसके विपरीत हाथ से डंबल को उठा कर पीछे की ओर धकेलते हैं। इस दौरान शरीर को स्थिर रखने का प्रयास करें। इस वकआउट में भी 10-10 रिपीटेशन करते हुए दो से तीन सेट लगाएं। एक हाथ से करने के बाद फिर दूसरे हाथ से इस वर्कआउट को करें, इससे आप स्ट्रांग ट्राइसेप मसल्स बना सकते हैं।
इनके अलावा ट्राइसेप्स के लिए आप बेंच डिप्स भी लगा सकते हैं। इससे फायदा यह होगा कि आपके ट्राइसेप्स के साथ साथ कंधे भी स्ट्रांग हो जाएंगे।
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डायट प्लान ( Diet Plan )
अब बात करें पौष्टिक डाइट और न्यूट्रीशन की तो इसके लिए आपको बहुत ज्यादा महंगे चीजों का सेवन करने की जरूरत नहीं है। आप अगर नियमित रूप से दूध, केला, ड्राई फ्रूट, अनाज, विभिन्न प्रकार की दालें, अंडा, हरी सब्जियां और फल व फलों के जूस का सेवन करते रहें तो निश्चित रुप से आपको आपकी मेहनत का मनचाहा और अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा। इसके साथ हीं पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी अनिवार्य है।
कुछ आवश्यक टिप्स एवं सावधानी ( Some Important Tips and Caution )
ज्यादातर लोगों में एक्सरसाइज को लेकर कुछ भ्रांतियां मौजूद होती हैं। साथ ही साथ वे कुछ असावधानियां भी बरतते हैं, जिनके बारे में आगे हम बताने जा रहे हैं। अगर आप भी वर्कआउट करते हैं तो ये टिप्स आपके लिए जरूरी होंगे।
खाली पेट वर्कआउट करना (Workout On an Empty Stomach )
बहुत से लोगों में यह भ्रांत धारणा फैली हुई है कि वर्कआउट या एक्सरसाइज हमेशा खाली पेट किया जाता है। जबकि ये बात सही नहीं है। हाँ, अगर आप खाली पेट योग प्राणायाम या मेडिटेशन आदि करते हैं तो यह उत्तम होगा। लेकिन अगर आपका लक्ष्य बॉडीबिल्डिंग करना है तो ऐसा करने से हमारे शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
सच तो यह है कि हैवी एक्सरसाइज के दौरान हमारे शरीर को इंस्टैंट एनर्जी की आवश्यकता होती है। इसलिए शरीर को रिफ्रेश और बूस्ट करने के लिए व्यायाम से ठीक पहले हल्का नाश्ता करना बहुत ही जरूरी है। लेकिन वह नाश्ता हेल्दी होना चाहिए।
शुरुआती दौर में हैवी एक्सरसाइज करना ( Heavy Exercise in the Beginning )
जो लोग बॉडीबिल्डिंग के शुरुआती दौर में होते हैं, वे लोग अक्सर यही गलती कर बैठते हैं। उन्हें लगता है कि वे जितना ज्यादा वर्कआउट करेंगे उतनी ही तेजी से बॉडी बनेगी। जबकि ऐसा सोचना एक भूल मात्र है।
दरअसल शुरुआती दौर में एक लिमिट से ज्यादा वर्कआउट करने से हमारी मांसपेशियों की कोशिकाएं टूटने लगती हैं। क्योंकि उस समय तक हमारा शरीर अधिक मेहनत सहने का आदि नहीं होता। इसलिए शुरुआती दौर में हल्के व्यायाम से शुरू करके इसको धीरे-धीरे बढ़ाना हीं उचित होता है।
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लगातार व्यायाम करते रहना ( Intense Workout Regularly )
अक्सर लोग बिना रुके लगातार व्यायाम करने की गलती को बार-बार दोहराते हैं। यह कोई जरुरी नहीं है कि हफ्ते के सातों दिन हेवी एक्सरसाइज किया जाए। हफ्ते में तीन से चार दिन हेवी एक्सरसाइज के बाद पर्याप्त आराम भी जरूरी है। ताकि क्षतिग्रस्त मांसपेशियां फिर से रिपेयर हो जाएं। ऐसा करने से हमारे शरीर पर थकान हावी नहीं होगा।
अनावश्यक पिल्स का सेवन ( Unnecessary Pills )
आमतौर पर ऐसा भी देखने को मिलता है कि लोग जल्दी बॉडी बनाने के चक्कर में तरह तरह की गोलियों का सेवन करने लगते हैं। हम आपको बताना चाहेंगे कि बाजार में उपलब्ध अनेक सप्लीमेंट पिल्स साइड इफेक्ट करने वाले होते हैं। जो शरीर के कुछ खास अंगों पर बुरा प्रभाव भी डाल सकते हैं। इसलिए ऐसे साइड सप्लीमेंट्स पिल्स का सेवन विशेषज्ञों की सलाह लेकर ही करनी चाहिए अन्यथा इनसे परहेज करना चाहिए।
हम आशा करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए काफी उपयोगी रही होगी। इस बारे में अपने अपने विचार अवश्य बताएं। साथ हीं अगर आपको ये पोस्ट उपयोगी लगा तो इसे शेयर जरूर करें।
Workouts for biceps and triceps |
भुजाओं को आकर्षक बनाने के लिए बाइसेप और ट्राइसेप के ऊपर काम करना बहुत इंपॉर्टेंट है। बाइसेप हमारे अपर आर्म का सामने का हिस्सा होता है, वही ट्राइसेप, अपर आर्म के पीछे के भाग को कहते हैं। यह भी तीन हिस्सों में बटा होता है। जब हम अपने बाजुओं को मोड़ते हैं तो बाइसेप कॉन्ट्रैक्ट होता है यानी सिकुड़ता है, जो हमें मसल्स के रूप में दिखता है। इस समय हमारे ट्राइसेप में फैलाव होता है। जब हम अपने बाजूओं को खोलते है, तब ट्राइसेप्स कॉन्ट्रैक्ट होता है और बाइसेप फैलता है। हमारे आर्म्स को मजबूत एवं आकर्षक दिखाने में ये दोनोंं ही महत्वपूर्ण होते हैं।
बाइसेप्स के लिए एक्सरसाइज ( Exercise for Stronger and Bigger Biceps )
बाइसेप मसल्स को मजबूत बनाने के लिए वैसे तो बहुत से वर्कआउट ट्राई कर सकते हैं लेकिन इसके लिए जो वर्कआउट सबसे ज्यादा प्रभावकारी होता है, आगे हम उसी के बारे में बताने वाले हैं।
बारबेल कर्ल ( Barbell Curl )
बाइसेप मसल्स बनाने के लिए सबसे ज्यादा प्रभावी जो वर्कआउट होता है, वह है बारबेल कर्ल। जो लोग इस शब्द से परिचित नहीं हैं, उन्हें बता देना जरुरी है कि बारबेल कर्ल वर्कआउट में हम बारबेल को सीने तक उठा कर लाते हैं, फिर जांघ तक ले जाते हैं और इसी प्रक्रिया को बार-बार दोहराते हैं। इसमें 8-10 रिपीटेशन के तीन सेट लगाएं।
Barbell Curl for Bigger Biceps |
बारबेल कर्ल को आमतौर पर डंबल मारना भी कहा जाता है। इसको करने की सही तकनीक यह है कि जब भी आप बारबेल को ऊपर नीचे कर्ल करें तो उस दौरान शरीर को हिलने ना दें। उस समय सिर्फ आपके हाथ हीं अपनी कलाई की सहायता से बारबेल को कर्ल करते रहना चाहिए।
इसे भी पढ़ें - चेस्ट बढ़ाने और चौड़ा बनाने के लिए करें यह काम
जब बारबेल को आप सीने तक लेकर जाएं तो कंधे के मसल को टाइट करें। इससे बाइसेप मसल्स को मजबूती मिलेगी। क्योंकि बारबेल कर्ल को दोनों हाथों की मदद से किया जाता है। इसलिए दबाव दोनों बाहों के बाइसेप पर समान रूप से पड़ता है।
डंबल कर्ल ( Dumbbell Curl )
यह वर्कआउट बारबेल कर्ल के समान ही होता है, लेकिन इसमें बारबेल की जगह हम डंबल का प्रयोग करते हैं। डंबल की सहायता से हम दोनों हाथों से बारी बारी से वर्क आउट कर सकते हैं। इसको करते समय भी शरीर के बाकी अंगोंं को स्थिर रखते हुए केवल अपने आर्म्स को स्क्वीज करना होता है।
Dumbbell Curl For Biceps |
इसमें बाइसेप मसल्स पर फोकस करते हुए वर्कआउट करना ज्यादा जरूरी होता है। इस वर्कआउट को भी 10 से 15 रिपीटेशन के साथ दो से तीन सेट लगाएं। रोज इस वर्कआउट को करके हम मजबूत और बड़े बाइसेप बना सकते हैं।
ट्राइसेप्स के लिए एक्सरसाइज ( Triceps Workout )
जैसे कि हमने पहले भी बताया कि ट्राइसेप हमारे अपर आर्म का पिछला भाग होता है और बाइसेप के फैलने पर यह सिकुड़ता है। इसके 3 भाग होते हैं, इसलिए इसे ट्राइसेप कहा जाता है। आगे हम आपको ट्राइसेप के लिए कुछ बेहतरीन एक्सरसाइज के बारे में बताएंगे।
Triceps |
डायमंड पुशअप ( Diamond Push Ups )
डायमंड पुश अप में पुशअप करने के दौरान हमें हाथों की पोजीशन थोड़ी अलग होती है। इसमें हाथ के दोनों पंजों को एक जगह लाकर दोनों तर्जनी और दोनों अंगूठे को आपस में से सटा कर पुश अप करना होता है। यह वर्कआउट भी हमारे आर्म्स और ट्राइसेप्स को मजबूत बनाने में कारगर साबित होता है।
ओवरहेड एक्सटेंशन (Overhead Extension For Triceps )
इस वर्क आउट को हम बारबेल या डंबल दोनों के सहायता से कर सकते हैं। इस वर्कआउट में वेट को दोनों हाथों के सहारे सिर के पीछे की ओर झुकाया जाता है और फिर ऊपर उठाया जाता है। इससे ट्राइसेप मसल्स स्क्विज होती हैं। इसको ही ट्राइसेप ओवरहेड एक्सटेंशन कहा जाता है।
Barbell Overhead Extension for triceps |
यह एक्सरसाइज ट्राइसेप मसल्स को मजबूत बनाने में काफी इफेक्टिव होता है। इस वर्कआउट में भी 10-10 रिपीटेशन करते हुए 2 से 3 सेट लगाएं।
डंबल किकबैक ( Tricep Dumbbell Kick back )
इस वर्कआउट में हम डंबल का प्रयोग करते हैं, जिसमें हम एक बेंच पर घुटने को टिका कर और हांथ का एक पंजा बेंच के ऊपर रखकर, उसके विपरीत हाथ से डंबल को उठा कर पीछे की ओर धकेलते हैं। इस दौरान शरीर को स्थिर रखने का प्रयास करें। इस वकआउट में भी 10-10 रिपीटेशन करते हुए दो से तीन सेट लगाएं। एक हाथ से करने के बाद फिर दूसरे हाथ से इस वर्कआउट को करें, इससे आप स्ट्रांग ट्राइसेप मसल्स बना सकते हैं।
इनके अलावा ट्राइसेप्स के लिए आप बेंच डिप्स भी लगा सकते हैं। इससे फायदा यह होगा कि आपके ट्राइसेप्स के साथ साथ कंधे भी स्ट्रांग हो जाएंगे।
इसे भी पढ़ें - बिना जिम गए, घर पर सिक्स पैक एब्स बनाने का आसान तरीका
डायट प्लान ( Diet Plan )
अब बात करें पौष्टिक डाइट और न्यूट्रीशन की तो इसके लिए आपको बहुत ज्यादा महंगे चीजों का सेवन करने की जरूरत नहीं है। आप अगर नियमित रूप से दूध, केला, ड्राई फ्रूट, अनाज, विभिन्न प्रकार की दालें, अंडा, हरी सब्जियां और फल व फलों के जूस का सेवन करते रहें तो निश्चित रुप से आपको आपकी मेहनत का मनचाहा और अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा। इसके साथ हीं पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी अनिवार्य है।
कुछ आवश्यक टिप्स एवं सावधानी ( Some Important Tips and Caution )
ज्यादातर लोगों में एक्सरसाइज को लेकर कुछ भ्रांतियां मौजूद होती हैं। साथ ही साथ वे कुछ असावधानियां भी बरतते हैं, जिनके बारे में आगे हम बताने जा रहे हैं। अगर आप भी वर्कआउट करते हैं तो ये टिप्स आपके लिए जरूरी होंगे।
खाली पेट वर्कआउट करना (Workout On an Empty Stomach )
बहुत से लोगों में यह भ्रांत धारणा फैली हुई है कि वर्कआउट या एक्सरसाइज हमेशा खाली पेट किया जाता है। जबकि ये बात सही नहीं है। हाँ, अगर आप खाली पेट योग प्राणायाम या मेडिटेशन आदि करते हैं तो यह उत्तम होगा। लेकिन अगर आपका लक्ष्य बॉडीबिल्डिंग करना है तो ऐसा करने से हमारे शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
सच तो यह है कि हैवी एक्सरसाइज के दौरान हमारे शरीर को इंस्टैंट एनर्जी की आवश्यकता होती है। इसलिए शरीर को रिफ्रेश और बूस्ट करने के लिए व्यायाम से ठीक पहले हल्का नाश्ता करना बहुत ही जरूरी है। लेकिन वह नाश्ता हेल्दी होना चाहिए।
शुरुआती दौर में हैवी एक्सरसाइज करना ( Heavy Exercise in the Beginning )
जो लोग बॉडीबिल्डिंग के शुरुआती दौर में होते हैं, वे लोग अक्सर यही गलती कर बैठते हैं। उन्हें लगता है कि वे जितना ज्यादा वर्कआउट करेंगे उतनी ही तेजी से बॉडी बनेगी। जबकि ऐसा सोचना एक भूल मात्र है।
दरअसल शुरुआती दौर में एक लिमिट से ज्यादा वर्कआउट करने से हमारी मांसपेशियों की कोशिकाएं टूटने लगती हैं। क्योंकि उस समय तक हमारा शरीर अधिक मेहनत सहने का आदि नहीं होता। इसलिए शुरुआती दौर में हल्के व्यायाम से शुरू करके इसको धीरे-धीरे बढ़ाना हीं उचित होता है।
इसे भी पढ़ें - एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए योग
लगातार व्यायाम करते रहना ( Intense Workout Regularly )
अक्सर लोग बिना रुके लगातार व्यायाम करने की गलती को बार-बार दोहराते हैं। यह कोई जरुरी नहीं है कि हफ्ते के सातों दिन हेवी एक्सरसाइज किया जाए। हफ्ते में तीन से चार दिन हेवी एक्सरसाइज के बाद पर्याप्त आराम भी जरूरी है। ताकि क्षतिग्रस्त मांसपेशियां फिर से रिपेयर हो जाएं। ऐसा करने से हमारे शरीर पर थकान हावी नहीं होगा।
अनावश्यक पिल्स का सेवन ( Unnecessary Pills )
आमतौर पर ऐसा भी देखने को मिलता है कि लोग जल्दी बॉडी बनाने के चक्कर में तरह तरह की गोलियों का सेवन करने लगते हैं। हम आपको बताना चाहेंगे कि बाजार में उपलब्ध अनेक सप्लीमेंट पिल्स साइड इफेक्ट करने वाले होते हैं। जो शरीर के कुछ खास अंगों पर बुरा प्रभाव भी डाल सकते हैं। इसलिए ऐसे साइड सप्लीमेंट्स पिल्स का सेवन विशेषज्ञों की सलाह लेकर ही करनी चाहिए अन्यथा इनसे परहेज करना चाहिए।
हम आशा करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए काफी उपयोगी रही होगी। इस बारे में अपने अपने विचार अवश्य बताएं। साथ हीं अगर आपको ये पोस्ट उपयोगी लगा तो इसे शेयर जरूर करें।
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