शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए विटामिंस बहुत ही आवश्यक होते हैं। आपको बताते चलें कि विटामिन हमारे शरीर के विभिन्न उत्तकों में एंजाइम्स निर्माण करते हैं, जिनका प्रमुख कार्य शरीर के किसी विशिष्ट अंग की प्रॉपर फंक्शनिंग अर्थात सही नियमन या संचालन कराना होता है। इस तरह शरीर के सभी अंगों को भली प्रकार से संचालित करने में अलग अलग प्रकार के विटामिन महत्वपूर्ण एवं विशिष्ट भूमिका निभाते हैं।
विटामिंस को इनके गुणों एवं कार्य के आधार पर सुगमता से पहचान करने के लिए इनको कई भागों में वर्गीकृत किया जाता है। चुकी ये विटामिंस हमारे बॉडी सेल्स द्वारा संश्लेषित नहीं हो सकते, इसलिए सभी ये हमें प्राकृतिक रूप से हमें विभिन्न खाद्य पदार्थों के जरिए प्राप्त होते हैं। ऐसे में यदि खानपान उचित और संतुलित न हो तो शरीर में इन विटामिंस की कमी हो जाती है। इसकी वजह से हमारे अंग ठीक प्रकार से काम नहीं करते और हम कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
यह आर्टिकल इसी महत्वपूर्ण जानकारी पर आधारित है कि विभिन्न प्रकार के विटामिंस की कमी से कौन-कौन से रोग हो जाते हैं, और हम किन किन खाद्य पदार्थों के सेवन से इसकी पूर्ति कर सकते हैं। आगे हम विभिन्न प्रकार के विटामिन, उनके गुण एवं कार्य, कमी से होने वाले रोग और उन विटामिंस की पूर्ति के विभिन्न स्रोतों के बारे में बात करेंगे।
विटामिन A
सबसे पहले बात करेंगे विटामिन A के बारे में, जी हां आपने पहले भी कई बार इसका नाम जरूर सुना होगा। इसको रेटिनॉल के नाम से भी जाना जाता है। शरीर में यदि इस विटामिन की कमी हो जाए हो तो इसका सबसे सबसे ज्यादा असर हमारे आंखों पर पड़ता है। शरीर में इसके अभाव से नाइट ब्लाइंडनेस अर्थात रतौंधी, संक्रमण एवं जीरोप्थैल्मिया जैसी बीमारी होने की आशंका रहती है।
शरीर में विटामिन A की पूर्ति के लिए हमें गाजर, पालक, शकरकंद, ब्रोकली और पपीता आदि का सेवन करना चाहिए।
B विटामिंस
अब बारी आती है, B विटामिंस की। इन्हें भी गुणों एवं कार्यों के आधार पर कई अलग-अलग वर्गों में विभाजित किया जाता है। ये B विटामिन जल में घुलनशील होते हैं। आगे हम उन्हीं B विटामिंस के बारे में जानेंगे कि उनके क्या क्या कार्य हैं और शरीर में उनकी पूर्ति कैसे करें?
विटामिन B1
B विटामिंस में सबसे पहला है, विटामिन B1। इसको थायमिन भी कहा जाता है। यह हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यकता होता है। यदि शरीर में विटामिन B1 की कमी हो जाए तो इससे बेरी-बेरी नामक रोग होने का खतरा रहता है। इसके अलावा इसकी कमी से अपच या फिर कब्ज जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
शरीर में इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए हमें दाल, ब्रेड, फूलगोभी, मीट, दूध, अंडे, आलू और अलसी आदि को आहार के रूप में लेना चाहिए।
विटामिन B2
अगला विटामिन जिसके बारे में बात करेंगे, वो है विटामिन B2, जिसे राइबोफ्लेविन के नाम से भी जाना जाता है। शरीर में विटामिन B2 की कमी होने पर त्वचा में दरार आना या फटना और साथ ही साथ आंखों में लाली आने जैसी दिक्कतें आ सकती हैं। विभिन्न प्रकार के भोज्य पदार्थ द्वारा शरीर में विटामिन B2 की पूर्ति हो सकती है।
इसके लिए हमें अलग-अलग प्रकार के मेव या ड्राई फ्रूट, विभिन्न किस्म की दालें, अंडे, टमाटर, दूध, पत्तागोभी एवं मीट आदि का सेवन करना चाहिए।
इसे भी पढ़ें - बॉडी बनाने और वजन बढ़ाने के लिए खाएं ये 9 चीजें
विटामिन B3
विटामिन B3 भी हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक होते हैं। खासकर हमारी त्वचा के लिए। इसे नियासिन भी कहा जाता है। शरीर में इसी विटामिन की कमी हो जाने पर खुजली, दाद व स्किन प्रॉब्लम हो जाते हैं।
शरीर में इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए हमें राजमा, मूंगफली, ब्रोकली, मशरूम और चिकन आदि खाना चाहिए।
विटामिन B5
वास्तव में पैंटोथैनिक एसिड को हीं विटामिन B5 के नाम से जाना जाता है। ये भी हमारे लिए बहुत जरूरी होते हैं। इस विटामिन की कमी होने पर बाल समय से पहले सफेद होना और बौद्धिक क्षमता कमजोर होने जैसी समस्याएं आ सकती हैं।
शरीर में इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए हमें एवोकाडो, ब्रोकली, गोभी, अंडा, मशरूम, दही, शकरकंद और मक्का आदि का सेवन करना चाहिए।
विटामिन B6
B विटामिंस की कैटेगरी में यह हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। इसका वैज्ञानिक नाम पाईरीडॉक्सिन है। शरीर में इस विटामिन की कमी से एनीमिया, किडनी की पथरी या फिर त्वचा रोग जैसी समस्याया उत्पन्न हो सकती है।
इसकी पूर्ति के लिए हमें विभिन्न प्रकार के अनाज एवं स्प्राउट्स, अखरोट, ब्राउन राइस, ओट्स, एवोकाडो, केला, बींस, बंदगोभी, मछली और सोय मिल्क जैसे भोज्य पदार्थों को अपने आहार में सम्मिलित करना चाहिए।
विटामिन B7
विटामिन B7 को बायोटीन भी कहा जाता है। अगर शरीर में इस विटामिन की कमी हो जाए तो इससे लकवा मारने का खतरा रहता है। साथ हीं इसका अभाव से शरीर में दर्द और बालों के झड़ने जैसी समस्या के लिए उत्तरदाई होता है।
शरीर में इस विटामिन की मात्रा को संतुलित बनाए रखने के लिए हमें मछली, अंडा, अखरोट, बादाम, गाजर, शकरकंद, टमाटर, पीनट और प्याज आदि का सेवन करना चाहिए।
विटामिन B9
विटामिन B9 का वैज्ञानिक नाम फोलिक एसिड है। यह हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं अर्थात रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में सहायक होता है। इस तरह यह रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है। शरीर में इसकी कमी हो जाने से मगला ब्लास्टिक एनीमिया जैसी बीमारी हो सकता है।
बॉडी में इस विटामिन की पूर्ति हम विभिन्न प्रकार का आहार द्वारा कर सकते हैं, जिनमें विटामिन B9 पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। इनमें पालक, ब्रोकली, मसूर दाल, राजमा, फूलगोभी, चुकंदर और पपीता इत्यादि शामिल हैं।
इसे भी पढ़ें - खजूर फल खाने वाले व्यक्ति को कभी हार्ट अटैक नहीं होगा, जानें अन्य 9 फायदे
विटामिन B12
विटामिन B12 का वैज्ञानिक नाम साइनोकोबालामिन है। शरीर में इसी विटामिन की कमी से पांडुरोग अर्थात परनीसीयस एनीमिया हो जाता है। इसके अलावा इस विटामिन के अभाव से पेचिस रोग होने की भी आशंका रहती है। ऐसे में भोजन से इस विटामिन की पूर्ति की जा सकती है। इसके लिए हमें अंडा, दूध, पनीर, सोय उत्पाद, विभिन्न प्रकार के सीरियल, केकड़ा और मछली इत्यादि को भी अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
विटामिन C
विटामिन A और सभी प्रकार के B विटामिंस के अलावा विटामिन C भी हमारे लिए उतना ही आवश्यक है। विटामिन सी को एस्कॉर्बिक अम्ल भी कहा जाता है। यह हमारी स्किन के लिए काफी ज्यादा जरूरी होता है। शरीर में इसकी कमी हो जाने पर स्कर्वी रोग हो सकता है। इसके अलावा इसके अभाव से मसूड़ों में सूजन होने जैसी दिक्कतें भी आ सकती हैं।
इसके पूर्ति के लिए हमें सिट्रस फलों जैसे स्ट्रॉबेरी, संतरे, अंगूर और नींबू के साथ साथ सपाटु, कीवी, अमरूद, अनारस और तरबूज फलों इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
विटामिन D
इन सभी विटामिंस के आगे, हम विटामिन D को नजरअंदाज बिल्कुल भी नहीं कर सकते। यह भी हमारे शरीर के लिए जरूरी विटामिंस में से एक है। इसको कैल्सिफेरॉल के नाम से भी जाना जाता है। शरीर में विटामिन D की कमी होने रिकेट्स यानी सूखा रोग एवं ऑस्टियोमलेशिया जैसे रोग भी हो सकते हैं। ऐसे में अगर हम नियमित रूप से मीठी धूप का सेवन करें तो हमारे शरीर में विटामिन D की कमी नहीं होगी।
इसके अलावा अगर बात करें खाद्य पदार्थों की, तो हमें मशरूम, मछली के अंडे या फैटी फिश, न्यूट्रिटिव सीरियल्स, कॉड लिवर ऑयल और अंडे की जर्दी से भी विटामिन D प्राप्त होते हैं। इसलिए इनका सेवन भी हमारे लिए लाभदायक हो सकता है।
विटामिन E
टोकोफेराल अर्थात विटामिन E हम सभी के लिए नित्तांत आवश्यक होता है। शरीर में इस विटामिन की कमी होने से जनन् कमजोर कमजोर हो जाती है। साथ ही वक्त से पहले एजिंग या बुढ़ापा भी आने लगता है। ऐसे में इस विटामिन की पूर्ति हमें कई खाद्य पदार्थों से हो जाती हैं।
इसके लिए हमें नारियल, अखरोट, पीनट, बादाम, एवोकाडो, टमाटर, पालक, मक्का, ब्रोकली, मूंगफली, अंकुरित गेहूं एवं अन्य अनाज, खीरा और अंडे इत्यादि को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए।
हालांकि बहुत से लोग बाजार में मौजूद विटामिन E कैप्सूल को भी सप्लीमेंट के तौर पर ले लेते हैं, लेकिन यहां हम आपको सलाह देना चाहेंगे कि आप उनका सेवन चिकित्सक की सलाह से ही करें, अपनी मर्जी से नहीं। क्योंकि चिकित्सक को उसके सही डोज़ का बेहतर ज्ञान होता है।
इसे भी पढ़ें - कमजोरी दूर करने के 7 रामबाण घरेलू उपाय
विटामिन K
विटामिन K, जिसका वैज्ञानिक नाम फिलिक्वोनॉन है, ये भी महत्वपूर्ण विटामिंस में से एक है। इस विटामिन की उपस्थिति के कारण हीं रक्त का थक्का जमता है। जैसे अगर किसी व्यक्ति को चोट लगती है और रक्त निकलने लगता है, तब विटामिन K की मौजूदगी के कारण ही रक्त का थक्का जमने से रक्त का बहाव रूक जाता है। यदि ऐसा ना हो तो रक्त का बहाव नहीं रुकेगा, जो एक खतरनाक स्थिति है।
वैसे इसके लिए कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि लगभग सभी हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों का सेवन करने से शरीर में इसकी पूर्ति बड़ी सहजता से हो जाती है।
निष्कर्ष ( Bottom Line )
इन सब से हम यही निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि यदि हम फल, सब्जियों और विभिन्न प्रकार के अनाजों सहित सभी प्रकार के पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन करें, तो हम लगभग सभी प्रकार की बीमारियों से स्वयं को बचा सकते हैं।
इस उपयोगी जानकारी को शेयर करना बिल्कुल ना भूलें, धन्यवाद।
विटामिंस को इनके गुणों एवं कार्य के आधार पर सुगमता से पहचान करने के लिए इनको कई भागों में वर्गीकृत किया जाता है। चुकी ये विटामिंस हमारे बॉडी सेल्स द्वारा संश्लेषित नहीं हो सकते, इसलिए सभी ये हमें प्राकृतिक रूप से हमें विभिन्न खाद्य पदार्थों के जरिए प्राप्त होते हैं। ऐसे में यदि खानपान उचित और संतुलित न हो तो शरीर में इन विटामिंस की कमी हो जाती है। इसकी वजह से हमारे अंग ठीक प्रकार से काम नहीं करते और हम कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
सभी विटामिंस की पूर्ति के लिए आहार और कमी से होने वाले रोग ( Vitamins and Foods In Hindi )
यह आर्टिकल इसी महत्वपूर्ण जानकारी पर आधारित है कि विभिन्न प्रकार के विटामिंस की कमी से कौन-कौन से रोग हो जाते हैं, और हम किन किन खाद्य पदार्थों के सेवन से इसकी पूर्ति कर सकते हैं। आगे हम विभिन्न प्रकार के विटामिन, उनके गुण एवं कार्य, कमी से होने वाले रोग और उन विटामिंस की पूर्ति के विभिन्न स्रोतों के बारे में बात करेंगे।
विटामिन A
सबसे पहले बात करेंगे विटामिन A के बारे में, जी हां आपने पहले भी कई बार इसका नाम जरूर सुना होगा। इसको रेटिनॉल के नाम से भी जाना जाता है। शरीर में यदि इस विटामिन की कमी हो जाए हो तो इसका सबसे सबसे ज्यादा असर हमारे आंखों पर पड़ता है। शरीर में इसके अभाव से नाइट ब्लाइंडनेस अर्थात रतौंधी, संक्रमण एवं जीरोप्थैल्मिया जैसी बीमारी होने की आशंका रहती है।
Vitamin A Rich Foods |
शरीर में विटामिन A की पूर्ति के लिए हमें गाजर, पालक, शकरकंद, ब्रोकली और पपीता आदि का सेवन करना चाहिए।
B विटामिंस
अब बारी आती है, B विटामिंस की। इन्हें भी गुणों एवं कार्यों के आधार पर कई अलग-अलग वर्गों में विभाजित किया जाता है। ये B विटामिन जल में घुलनशील होते हैं। आगे हम उन्हीं B विटामिंस के बारे में जानेंगे कि उनके क्या क्या कार्य हैं और शरीर में उनकी पूर्ति कैसे करें?
Vitamin B Rich Foods |
विटामिन B1
B विटामिंस में सबसे पहला है, विटामिन B1। इसको थायमिन भी कहा जाता है। यह हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यकता होता है। यदि शरीर में विटामिन B1 की कमी हो जाए तो इससे बेरी-बेरी नामक रोग होने का खतरा रहता है। इसके अलावा इसकी कमी से अपच या फिर कब्ज जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
शरीर में इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए हमें दाल, ब्रेड, फूलगोभी, मीट, दूध, अंडे, आलू और अलसी आदि को आहार के रूप में लेना चाहिए।
विटामिन B2
अगला विटामिन जिसके बारे में बात करेंगे, वो है विटामिन B2, जिसे राइबोफ्लेविन के नाम से भी जाना जाता है। शरीर में विटामिन B2 की कमी होने पर त्वचा में दरार आना या फटना और साथ ही साथ आंखों में लाली आने जैसी दिक्कतें आ सकती हैं। विभिन्न प्रकार के भोज्य पदार्थ द्वारा शरीर में विटामिन B2 की पूर्ति हो सकती है।
इसके लिए हमें अलग-अलग प्रकार के मेव या ड्राई फ्रूट, विभिन्न किस्म की दालें, अंडे, टमाटर, दूध, पत्तागोभी एवं मीट आदि का सेवन करना चाहिए।
इसे भी पढ़ें - बॉडी बनाने और वजन बढ़ाने के लिए खाएं ये 9 चीजें
विटामिन B3
विटामिन B3 भी हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक होते हैं। खासकर हमारी त्वचा के लिए। इसे नियासिन भी कहा जाता है। शरीर में इसी विटामिन की कमी हो जाने पर खुजली, दाद व स्किन प्रॉब्लम हो जाते हैं।
शरीर में इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए हमें राजमा, मूंगफली, ब्रोकली, मशरूम और चिकन आदि खाना चाहिए।
विटामिन B5
वास्तव में पैंटोथैनिक एसिड को हीं विटामिन B5 के नाम से जाना जाता है। ये भी हमारे लिए बहुत जरूरी होते हैं। इस विटामिन की कमी होने पर बाल समय से पहले सफेद होना और बौद्धिक क्षमता कमजोर होने जैसी समस्याएं आ सकती हैं।
शरीर में इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए हमें एवोकाडो, ब्रोकली, गोभी, अंडा, मशरूम, दही, शकरकंद और मक्का आदि का सेवन करना चाहिए।
B Vitamins |
विटामिन B6
B विटामिंस की कैटेगरी में यह हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। इसका वैज्ञानिक नाम पाईरीडॉक्सिन है। शरीर में इस विटामिन की कमी से एनीमिया, किडनी की पथरी या फिर त्वचा रोग जैसी समस्याया उत्पन्न हो सकती है।
इसकी पूर्ति के लिए हमें विभिन्न प्रकार के अनाज एवं स्प्राउट्स, अखरोट, ब्राउन राइस, ओट्स, एवोकाडो, केला, बींस, बंदगोभी, मछली और सोय मिल्क जैसे भोज्य पदार्थों को अपने आहार में सम्मिलित करना चाहिए।
विटामिन B7
विटामिन B7 को बायोटीन भी कहा जाता है। अगर शरीर में इस विटामिन की कमी हो जाए तो इससे लकवा मारने का खतरा रहता है। साथ हीं इसका अभाव से शरीर में दर्द और बालों के झड़ने जैसी समस्या के लिए उत्तरदाई होता है।
शरीर में इस विटामिन की मात्रा को संतुलित बनाए रखने के लिए हमें मछली, अंडा, अखरोट, बादाम, गाजर, शकरकंद, टमाटर, पीनट और प्याज आदि का सेवन करना चाहिए।
विटामिन B9
विटामिन B9 का वैज्ञानिक नाम फोलिक एसिड है। यह हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं अर्थात रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में सहायक होता है। इस तरह यह रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है। शरीर में इसकी कमी हो जाने से मगला ब्लास्टिक एनीमिया जैसी बीमारी हो सकता है।
बॉडी में इस विटामिन की पूर्ति हम विभिन्न प्रकार का आहार द्वारा कर सकते हैं, जिनमें विटामिन B9 पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। इनमें पालक, ब्रोकली, मसूर दाल, राजमा, फूलगोभी, चुकंदर और पपीता इत्यादि शामिल हैं।
इसे भी पढ़ें - खजूर फल खाने वाले व्यक्ति को कभी हार्ट अटैक नहीं होगा, जानें अन्य 9 फायदे
विटामिन B12
विटामिन B12 का वैज्ञानिक नाम साइनोकोबालामिन है। शरीर में इसी विटामिन की कमी से पांडुरोग अर्थात परनीसीयस एनीमिया हो जाता है। इसके अलावा इस विटामिन के अभाव से पेचिस रोग होने की भी आशंका रहती है। ऐसे में भोजन से इस विटामिन की पूर्ति की जा सकती है। इसके लिए हमें अंडा, दूध, पनीर, सोय उत्पाद, विभिन्न प्रकार के सीरियल, केकड़ा और मछली इत्यादि को भी अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
विटामिन C
विटामिन A और सभी प्रकार के B विटामिंस के अलावा विटामिन C भी हमारे लिए उतना ही आवश्यक है। विटामिन सी को एस्कॉर्बिक अम्ल भी कहा जाता है। यह हमारी स्किन के लिए काफी ज्यादा जरूरी होता है। शरीर में इसकी कमी हो जाने पर स्कर्वी रोग हो सकता है। इसके अलावा इसके अभाव से मसूड़ों में सूजन होने जैसी दिक्कतें भी आ सकती हैं।
Vitamin C Rich Fruits |
इसके पूर्ति के लिए हमें सिट्रस फलों जैसे स्ट्रॉबेरी, संतरे, अंगूर और नींबू के साथ साथ सपाटु, कीवी, अमरूद, अनारस और तरबूज फलों इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
विटामिन D
इन सभी विटामिंस के आगे, हम विटामिन D को नजरअंदाज बिल्कुल भी नहीं कर सकते। यह भी हमारे शरीर के लिए जरूरी विटामिंस में से एक है। इसको कैल्सिफेरॉल के नाम से भी जाना जाता है। शरीर में विटामिन D की कमी होने रिकेट्स यानी सूखा रोग एवं ऑस्टियोमलेशिया जैसे रोग भी हो सकते हैं। ऐसे में अगर हम नियमित रूप से मीठी धूप का सेवन करें तो हमारे शरीर में विटामिन D की कमी नहीं होगी।
Mushrooms for Vitamin D |
इसके अलावा अगर बात करें खाद्य पदार्थों की, तो हमें मशरूम, मछली के अंडे या फैटी फिश, न्यूट्रिटिव सीरियल्स, कॉड लिवर ऑयल और अंडे की जर्दी से भी विटामिन D प्राप्त होते हैं। इसलिए इनका सेवन भी हमारे लिए लाभदायक हो सकता है।
विटामिन E
टोकोफेराल अर्थात विटामिन E हम सभी के लिए नित्तांत आवश्यक होता है। शरीर में इस विटामिन की कमी होने से जनन् कमजोर कमजोर हो जाती है। साथ ही वक्त से पहले एजिंग या बुढ़ापा भी आने लगता है। ऐसे में इस विटामिन की पूर्ति हमें कई खाद्य पदार्थों से हो जाती हैं।
इसके लिए हमें नारियल, अखरोट, पीनट, बादाम, एवोकाडो, टमाटर, पालक, मक्का, ब्रोकली, मूंगफली, अंकुरित गेहूं एवं अन्य अनाज, खीरा और अंडे इत्यादि को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए।
Vitamin E Rich Foods |
हालांकि बहुत से लोग बाजार में मौजूद विटामिन E कैप्सूल को भी सप्लीमेंट के तौर पर ले लेते हैं, लेकिन यहां हम आपको सलाह देना चाहेंगे कि आप उनका सेवन चिकित्सक की सलाह से ही करें, अपनी मर्जी से नहीं। क्योंकि चिकित्सक को उसके सही डोज़ का बेहतर ज्ञान होता है।
इसे भी पढ़ें - कमजोरी दूर करने के 7 रामबाण घरेलू उपाय
विटामिन K
विटामिन K, जिसका वैज्ञानिक नाम फिलिक्वोनॉन है, ये भी महत्वपूर्ण विटामिंस में से एक है। इस विटामिन की उपस्थिति के कारण हीं रक्त का थक्का जमता है। जैसे अगर किसी व्यक्ति को चोट लगती है और रक्त निकलने लगता है, तब विटामिन K की मौजूदगी के कारण ही रक्त का थक्का जमने से रक्त का बहाव रूक जाता है। यदि ऐसा ना हो तो रक्त का बहाव नहीं रुकेगा, जो एक खतरनाक स्थिति है।
वैसे इसके लिए कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि लगभग सभी हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों का सेवन करने से शरीर में इसकी पूर्ति बड़ी सहजता से हो जाती है।
निष्कर्ष ( Bottom Line )
इन सब से हम यही निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि यदि हम फल, सब्जियों और विभिन्न प्रकार के अनाजों सहित सभी प्रकार के पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन करें, तो हम लगभग सभी प्रकार की बीमारियों से स्वयं को बचा सकते हैं।
इस उपयोगी जानकारी को शेयर करना बिल्कुल ना भूलें, धन्यवाद।
0 Comments: