एक स्वस्थ शरीर हमारी सबसे बड़ी धरोहर है। शरीर के लिए उपनिषद में भी कहा गया है। "शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्" अर्थात हमारा शरीर ही हमारे सभी धर्मों अर्थात कर्तव्यों को पूरा करने का एकमात्र साधन है। अतः इसे स्वस्थ एवं निरोग बनाए रखना भी हमारा हीं कर्तव्य है। किंतु प्रश्न यह उठता है कि हम में से हर कोई वैद्य अथवा चिकित्सक तो नहीं हो सकता, जो हर रोग का उपचार स्वयं ही कर लें। तो इसका उत्तर है कि भले ही हम चिकित्सक ना सही, परंतु हम अपनी सेहत को लेकर पहले से सतर्क होकर एहतियात बरतने का काम तो कर ही सकते हैं, जिससे कि हम जल्दी बीमार ही ना पड़ें। इसके लिए अंग्रेजी में भी एक मशहूर कहावत है कि "Prevention is Better Than Cure" अर्थात "उपचार से एहतियात भली"। इसका तात्पर्य यह है कि किसी भी रोग से ग्रस्त होकर उसका उपचार करने से उत्तम है कि हम पहले से ही उसके प्रति सतर्क होकर Precautions यानी एहतियात बरतने का काम करें।
हमारा शरीर स्वयं ही एक बहुत जटिल तंत्र है, जिसमें अलग-अलग तंत्र एक केंद्रीय तंत्र यानी मस्तिष्क के द्वारा संचालित होते हैं। अतः इसके स्वस्थ बने रहने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि हमारे शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली यानी Immune system मजबूत बना रहे हैं। आपने इन दिनों ये दो शब्दों Immune system और Immunity के बारे में खूब सुना होगा। परंतु क्या आप वास्तव में इसके बारे में जानते हैं कि आखिर यह है क्या है? यदि नहीं तो इस लेख में आपको इस प्रश्न का समुचित उत्तर मिल जाएगा कि वास्तव में इम्यूनिटी क्या होती है और अपने शरीर के इम्यून सिस्टम को सुधारने और मजबूत बनाने के लिए हमें क्या करना चाहिए।
Immune system हमारे शरीर की एक सुरक्षा प्रणाली है, जो हमारे शरीर को विविध रोग व्याधियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। यह अलग अलग प्रकार की कोशिकाओं, अंगों, प्रोटीन्स एवं रसायनों आदि का ऐसा जटिल समूह है, जो हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार के संक्रमण अर्थात इंफेक्शन से बचाने में मदद करता है। वैसे तो इम्यून सिस्टम की व्याख्या भी थोड़ी जटिल है, लेकिन हम आपको इसे बहुत ही सरल शब्दों में समझाने का प्रयास करेंगे।
इम्यून सिस्टम के अंतर्गत आने वाले प्रमुख भाग हैं - Main Components of Our Immune System
ये वो भाग हैं, जो शरीर को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। इन्हीं भागों में अनियमितता का होना Weak Immunity अर्थात कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का कारण होता है। वास्तव में हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम उन सभी सूक्ष्मजीवों अथवा कीटाणुओं को एक प्रकार से चिन्हित कर लेता है, जो कभी ना कभी हमारे शरीर को क्षति पहुंचा चुके हैं या पहुंचाने का प्रयास कर चुके हैं। इन्हें पहचानने का काम श्वेत रक्त कोशिकाएं (White Blood Cells) करती हैं, जिन्हें मेमोरी सेल्स भी कहा जाता है। फिर जब भी ये सूक्ष्मजीव हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं तो हमारा सिस्टम उनको तत्काल नष्ट कर देता है, अथवा निष्क्रिय कर देता है।
परंतु जब हमारा Immune system कमजोर रहता है या उसमें अनियमितता आ जाती है, तो ऐसे में हानि पहुंचाने वाले माइक्रो-ऑर्गेनिज्म के शरीर में प्रवेश करने पर हमारा तंत्र ना ही उनका जल्दी पता लगा पाता है और ना ही उन्हें तत्काल नष्ट करने में सक्षम रह जाता हैं। इसी कारण हमें विभिन्न प्रकार के इंफेक्शन, एलर्जी या ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अब आइए जानते हैं कि हमारे Immune System के कमजोर होने पर कौन-कौन से लक्षण दिखाई दे सकते हैं?
कमजोर इम्यूनिटी के कुछ सामान्य लक्षणों में,
एक कमजोर Immune system वाले व्यक्ति में इनमें से एक से अधिक लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। हालांकि इसका इतनी सटीकता से दावा तो नहीं किया जा सकता, परंतु इन्हें संभावित लक्षणों के रूप में अवश्य देखा जा सकता है।
शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए तीन मुख्य बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है। वे तीन मुख्य बिंदु हैं, आवश्यक पौष्टिक आहार, योग-प्राणायाम एवं अन्य शारीरिक गतिविधियां तथा एक संतुलित और अनुशासित जीवनशैली। एक स्वस्थ शरीर का इम्यून सिस्टम मुख्य रूप से इन्हीं स्तंभों पर आधारित रहता है और हमें इन्हीं को सुदृढ़ करने की आवश्यकता होती है। इन्हें सुदृढ़ करने के पश्चात हमारे शरीर की इम्युनिटी स्वतः ही बढ़ जाती है। अब आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
अच्छी सेहत और मजबूत इम्यूनिटी बरकरार रखने में हमारे खान-पान का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहता है। वास्तव में ज्यादातर बीमारियां दवाइयों से नहीं, बल्कि हमारे अच्छे खान-पान से ही दूर रहती हैं। यदि हम उचित और पौष्टिक आहार लेते रहें तो इससे हमारे बीमार पड़ने की संभावना भी बहुत ही कम हो जाती है। दूसरे शब्दों में यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। यहां आगे हम आपको कुछ ऐसे आहार बताएंगे, जिन्हें अपने भोजन में शामिल करने से आप अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बना पाएंगे और सर्दी-जुकाम, फ्लू और संक्रमण आदि से भी बचे रहेंगे।
हमारे इम्यून सिस्टम के लिए Vitamin C अत्यंत महत्वपूर्ण है शरीर में इसकी पूर्ति के लिए हमारे पास आहारों के ढेर सारे विकल्प मौजूद हैं। तो आइए जानते हैं कि किन किन चीजों के सेवन से हमें पर्याप्त Vitamin C प्राप्त होता है।
सिट्रस फल वे होते हैं, जिनमें पर्याप्त सिट्रिक एसिड मौजूद होता है। ये फल Vitamin C से भी भरपूर होते हैं, जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायता करते हैं। इसके अतिरिक्त विटामिन सी को रक्त में श्वेत रक्त कोशिकाओं (white blood cells) को बढ़ाने वाला कारक भी माना जाता है, जो संक्रमण से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Vitamin C की आवश्यकता हमारे शरीर को हर रोज पड़ती है, लेकिन जानने वाली बात यह है कि विटामिन सी का हमारे शरीर में ना तो उत्पादन होता है और ना ही इसका भंडारण। इसलिए प्रतिदिन शरीर को इसकी आपूर्ति करनी पड़ती है।
एक वयस्क व्यक्ति के लिए प्रतिदिन कम से कम 90 मिलीग्राम एवं एक महिला के लिए 75 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है। कुछ महत्वपूर्ण सिट्रस फल जो प्रचुर मात्रा में विटामिन सी से युक्त होते हैं। उनमें संतरे, कीनू, नींबू, ग्रेपफ्रुट (नारंगी जैसा) और लाइम इत्यादि शामिल हैं। इन्हें आप अपने भोजन में शामिल करके अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
कैप्सिकम, जिसको हमारे यहां शिमला मिर्च के नाम से भी जाना जाता है, इसमें प्रचुर मात्रा में Vitamin C पाया जाता है। साथ ही साथ इसमें ढेर सारे एंटीऑक्सीडेंट भी मौजूद होते हैं, जो हमारे शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। कैप्सिकम हमारे यहां आसानी से उपलब्ध हो जाता है। अतः इसे अपने भोजन में शामिल करना एक शानदार विकल्प है।
वैसे तो हरे कैप्सिकम भी विटामिन सी से भरपूर होते हैं, लेकिन लाल कैप्सिकम में हरे कैप्सिकम की तुलना में लगभग दोगुनी मात्रा में विटामिन सी उपस्थित होता है। इसलिए उसका सेवन करना हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए एक उत्तम है।
कीवी फल में भी पर्याप्त विटामिन सी मौजूद होता है। इसके अतिरिक्त यह पोटैशियम फोलेट एवं Vitamin k का भी अच्छा स्रोत होता है। विटामिन K हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने और घाव को जल्दी भरने के लिए जरूरी है। एक ओर जहां Vitamin C हमारी श्वेत रक्त कोशिकाओं को मजबूत बनाने का काम करता है। वहीं दूसरी ओर कीवी में मौजूद अन्य पोषक तत्व हमारे शरीर की दूसरी क्रिया विधियों को सुचारू रूप से संचालन में मदद करते हैं।
पपीता भी एक बहुपयोगी फल है। इसमें ना केवल Vitamin C उपस्थित होता है, बल्कि उसमें उसकी प्रचुरता भी बहुत होती है। यह कई मायने में हमारी सेहत के लिए लाभकारी होता है। इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम एवं फोलेट आदि भी उपस्थित होते हैं, जो बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए आवश्यक होते हैं। इसके अतिरिक्त इनमें पेपेन नामक पाचक एंजाइम भी मौजूद होता है, जो पेट संबंधी समस्याओं को दूर करके इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है।
V. ब्रोकली - Broccoli
ब्रोकली सबसे पौष्टिक सब्जियों में से एक है। यह न केवल विटामिन सी से भरपूर होता है, बल्कि इसमें विटामिन A एवं B विटामिंस, विटामिन K, फाइबर एवं बहुत सारे खनिज तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। इसके सेवन से हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलती हैं। इसके संपूर्ण पोषक तत्वों को बरकरार रखने के लिए इसे अन्य सब्जियों की तरह नहीं, बल्कि स्टीम करके पकाना उचित रहता है।
उपर्युक्त आहारों के अतिरिक्त Vitamin C से भरपूर कुछ अन्य आहार जैसे अमरूद, आंवला, आम, अंगूर (खासकर काला), अनारस, टमाटर, स्ट्रॉबेरी, अन्य बेरी फल, साबुत धनिया, गोभी, हरी मिर्ची, पालक, सरसों का साग एवं दूसरी सभी हरी सब्जियां इत्यादि उत्तम विकल्प हैं। इन्हें भी हमें भोजन में शामिल करना चाहिए।
इनके अलावा प्रतिदिन आंवले से निर्मित च्यवनप्राश का सेवन करना भी अत्यंत लाभकारी रहता है। इसमें भरपूर विटामिन सी और अन्य जड़ी बूटियों की शक्ति भी समाहित रहती हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में काफी उपयोगी साबित होती है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए प्रतिदिन एक चम्मच चवनप्राश का सेवन करने की सलाह भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा भी दी गई है।
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वैसे तो हल्दी का प्रयोग हमलोग अपने दैनिक जीवन में भोजन में इस्तेमाल होने वाले एक मसाले के रूप में अथवा कई बार एक सौंदर्य प्रसाधन के रूप में भी करते हैं, लेकिन आपको बता दें कि हल्दी अनेक स्वास्थ्यवर्धक औषधीय गुणों से भी युक्त होता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी एवं एनाल्जेसिक अर्थात पीड़ाहारी गुण पाए जाते हैं। ऐसे में इसका प्रयोग दूध के साथ करने पर यह और भी अधिक लाभकारी हो जाता है।
करक्यूमिन से भरपूर हल्दी को दूध के साथ उबालकर पीने से यह एक इम्यूनिटी बूस्टर की तरह कार्य करता है। दूध के साथ उबालने पर जो इसका सुनहरा रंग निकल कर आता है, इसी कारण इसे गोल्डन मिल्क भी कहा जाता है, जिसके गुण भी स्वर्ण के समान ही उत्तम माने जाते हैं।
हल्दी वाला दूध तैयार एवं सेवन करने की विधि -
हल्दी वाले दूध अर्थात Golden Milk तैयार करने के लिए आप डेढ़ ग्लास दूध लीजिए। यदि दूध देसी गाय का हो तो सर्वोत्तम होगा। फिर उसे उबलने के लिए रख दें। जब यह उबलने लगे, तब इसमें आधा चम्मच हल्दी पाउडर डालकर कुछ देर और उबलने के लिए छोड़ दें। थोड़ा दूध जलने के बाद जब एक ग्लास दूध बच जाए, तब इसे आंच से उतार लें और हल्का गुनगुना रहने पर इसका सेवन करें। प्रतिदिन इसके सेवन से बहुमूल्य फायदे प्राप्त होंगे।
हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में एंटीऑक्सीडेंट्स का महत्वपूर्ण योगदान होता है। ऐसे में ग्रीन टी का सेवन हमारी इस आवश्यकता को पूरा कर सकता है। ग्रीन टी में फ्लेवोनॉयड एवं अन्य बहुत से एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को सुदृढ़ बनाने का काम करते हैं। इसमें एल-थीयानाइन नामक एमीनो एसिड भी मौजूद होते हैं, जो T-Cells को मजबूत बनाने में योगदान देते हैं। यदि आप भी प्रतिदिन ग्रीन टी का सेवन करते हैं तो यह आपके बीमार पड़ने की संभावना को कम कर देता है।
ग्रीन टी के अतिरिक्त ब्लैक टी भी काफी लाभकारी होता है। इसलिए आप इनका भी सेवन कर सकते हैं।
शहद के साथ भुने हुए लहसुन का सेवन किसी औषधि से कम नहीं है। इनका उपयोग परंपरागत रूप से ही अनेक रोगों के उपचार में किया जाता रहा है। लहसुन में एलीसिन सल्फर कंपाउंड मोजूद होते हैं। यह एंटीबैक्टीरियल एवं रोगाणु नाशक गुण प्रदर्शित करते हैं। वहीं दूसरी ओर शहद पर्याप्त ऊर्जा के साथ साथ फ्लेवोनॉयड और पॉलिफिनॉल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। यह हमारे इम्यून सिस्टम को सुदृढ़ बनाने में सहायता करते हैं। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल एवं एंटी-फंगल गुण भी उपस्थित होते हैं। ऐसे गुणों की उपस्थिति के कारण इन दोनों का कॉम्बीनेशन एक उत्तम औषधि साबित होता है।
लाभ - भुने हुए लहसुन और शहद का सेवन शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाकर न केवल सर्दी-जुकाम, खांसी, गले के इन्फेक्शन, साइनस, फ्लू और संक्रमण आदि से बचाता है, बल्कि LDL कोलेस्ट्रॉल, जिसे बैड कोलेस्ट्रॉल भी कहते हैं, के स्तर को कम करके ह्रदय रोग से भी बचाता है। यह पेट और दिमाग से जुड़ी समस्याओं में भी लाभकारी होता है। केवल इतना ही नहीं, ये शरीर से विषाक्त पदार्थ अर्थात टॉक्सिंस को साफ करके कैंसर जैसे रोग से भी लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।
विधि - इनका सेवन करने के लिए सबसे पहले लहसुन की कलियों को छीलकर उन्हें तवे पर हल्का रोस्ट कर लें, यानी कि भुन लें। फिर इन्हें कांच की शीशी में 100 से 150 मिली शहद में डुबोकर रख दें। प्रतिदिन इनमें से शहद सहित एक से दो कलियां चम्मच से निकालकर खाएं। यदि खाली पेट इसका सेवन करेंगे तो और भी लाभकारी होगा।
ध्यान दें - लहसुन में मौजूद सल्फर कंपाउंड से कुछ लोगों को एलर्जी भी होती है। ऐसे में इसका सेवन करने से पहले यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि आपको उससे एलर्जी तो नहीं है। साथ हीं मधुमेह के रोगी शहद का सेवन चिकित्सक से सलाह लेकर हीं करें।
यदि आप चाहें तो शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए किचन में मौजूद सामग्रियों से ही एक औषधीय काढ़ा तैयार करके उसका सेवन कर सकते हैं। आगे हम आपको इसमें प्रयोग होने वाली सामग्री और तैयार करने की विधि के बारे में बताएंगे।
औषधीय काढ़ा तैयार करने की सामग्री एवं विधि -
इस औषधीय काढ़े को तैयार करने के लिए सॉस पैन में तीन कप पानी लें। इसमें आधा चम्मच अजवाइन, आधा चम्मच जीरा, पाँच दाने काली मिर्च के, आधा चम्मच दालचीनी पाउडर या फिर साबुत, 7 से 8 तुलसी पत्र, थोड़ा अदरक कद्दूकस किया हुआ (यदि बीपी की समस्या है तो अदरक ना डालें) और एक छोटी गुड़ की डली डाल दें। अब इस पूरी सामग्री को उबालने के लिए रख दीजिए। इसे खूब उबलने दें और जब पानी आधा बच जाए तब इसे आंच से उतारकर छान लें और हल्का गुनगुना रह जाने पर इसका सेवन करें। यदि आप सुबह के समय इसका सेवन करते हैं तो अति उत्तम होगा।
लाभ - इस औषधि काढ़े का सेवन सर्दी-जुकाम, खांसी एवं वायरल इंफेक्शन में लाभकारी होता है। ये गले की खराश और पुराने कफ को ठीक करने में भी असरदार है। साथ ही यह शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता अर्थात इम्यूनिटी बढ़ाने में भी कारगर होता है।
योग एवं व्यायाम का हमारी सेहत से बहुत ही गहरा नाता है। यह हमारे शरीर के विभिन्न रोग व्याधियों को दूर करने का एक महत्वपूर्ण साधन भी है। यह न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य में वृद्धि करने में भी उपयोगी है। ऐसे में प्रतिदिन योग एवं व्यायाम से हम अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बना सकते हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है। यहां आगे हम आपको कुछ ऐसे योगासनों और प्राणायाम के बारे में बताएंगे, जो हमारी इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक सिद्ध होते हैं।
अर्ध-मत्स्येंद्रासन को करने के लिए इन सभी चरणों का अनुसरण कीजिए।
वैसे तो यह योग मुख्य रूप से पेट एवं रीढ़ की हड्डी व स्पाइन से जुड़ी समस्याओं के लिए है, जोकि हमारे अंदरूनी अंगों की क्रिया-विधि को सुचारू करने में भी उपयोगी साबित होता है। साथ ही यह हमारे इम्यून सिस्टम की इकाइयों को भी मजबूत करता है।
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शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए त्रिकोणासन भी उत्तम आसन है। यह रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनाने में सहायक होता है। प्रतिदिन इसके अभ्यास से शरीर में ब्लड सरकुलेशन बढ़ता है और मेटाबॉलिज्म में भी सुधार आता है। इससे रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। आगे जानिए त्रिकोणासन करने की विधि क्या है।
त्रिकोणासन करने की विधि
यह योगासन शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ाने में सहायक है। यह मस्तिष्क तक पर्याप्त ब्लड सरकुलेशन कराने में मदद करता है। साथ ही यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बेहतर बनाने में सहायक होता है। इस योग आसन को करने के लिए निम्नलिखित चरणों का अनुसरण कीजिए।
इस आसन को करने के लिए इन चरणों का अनुसरण कीजिए।
इस योगासन को करने के लिए निम्न चरणों का अनुसरण कीजिए।
इन योगासनों के पश्चात अब आइए कुछ प्राणायाम के बारे में भी जान लें, जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध होते हैं।
इस प्राणायाम को करने के लिए समतल भूमि पर आसन लगाकर ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं। इस दौरान अपनी कमर और गर्दन को सीधा रखें। इसके पश्चात सांस को तेजी से बाहर छोड़ने का प्रयास करें। ध्यान रहे कि इस दौरान सांस अंदर लेने का प्रयास नहीं करना है, क्योंकि स्वतः क्रिया के अन्तर्गत हल्की श्वास अपने आप ही भीतर चली जाएगी। अपना ध्यान श्वास को तेजी से केवल बाहर छोड़ने पर लगाएं। इस प्राणायाम से भी हमारे इम्यून सिस्टम पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
इस प्राणायाम को करने के लिए समतल भूमि पर कमर एवं गर्दन को सीधा रखते हुए ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद तेजी से सांस अंदर की ओर ले और बाहर की ओर छोड़ें। इस दौरान जब सांस अंदर की ओर लें तो पेट को बाहर निकालें और श्वास छोड़ते समय पेट अंदर खींचें। कुछ मिनटों तक इसका अभ्यास करें।
यह प्राणायाम फेफड़े को मजबूत बनाने के साथ-साथ शरीर द्वारा ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता को भी बढ़ाता है। यह सीधे तौर पर हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध होता है। साथ ही शरीर में नवीन ऊर्जा का संचार करके उसे रिजूवनेट करने में भी मदद करता है। इस प्राणायाम के अभ्यास से ब्लड सरकुलेशन भी बढ़ता है, जिससे ब्रेन की फंक्शनिंग अच्छी होती है और मेंटल अलर्टनेस बढ़ती है।
कदाचित आप इस प्राणायाम से पूर्व से ही परिचित होंगे। इसको करने के लिए उसी प्रकार कमर एवं गर्दन को सीधा रखते हुए, समतल भूमि पर बैठ जाएं फिर। अपने सीधे हाथ के अंगूठे से दाहिने नासिका छिद्र को बंद करके बांए नासिका छिद्र से सांस अंदर की ओर लें। सांस अंदर लेने के पश्चात अनामिका अंगुली से बाएं नासिका के छिद्र को बंद करके, अंगूठे को हटाकर दाहिने नासिका छिद्र से सांस को बाहर की ओर छोड़ें। फिर उसी छिद्र से श्वास अंदर ले और बांए नासिका छिद्र से अनामिका को हटाकर श्वास को छोड़ें। इस दौरान श्वास अंदर लेने पर कुछ सेकंड रोककर रखें।
इसी क्रिया को 3 से 5 मिनट तक करें। यह प्राणायाम फेफड़ों, मस्तिष्क एवं इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायता करता है।
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हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए हमारी दिनचर्या एवं जीवनशैली का संतुलित एवं अनुशासित होना अनिवार्य है। इसके लिए प्रत्येक कार्य को ठीक समय पर करना आवश्यक है। जैसे अपने नाश्ते एवं भोजन का समय निश्चित करें और उसी समय पर भोजन करें। सोने और जागने समय भी निश्चित करें। क्योंकि एक अच्छी नींद को एक अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी माना जाता है। इसके अभाव में हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है, इसलिए कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें।
इसके अतिरिक्त कुछ बुरे व्यसनों जैसे एल्कोहॉल ड्रिंकिंग, धूम्रपान, तंबाकू आदि नशे की लत को छोड़ना भी जरूरी है। ये नशे की लत अंगों को क्षति पहुंचाते हैं। या फिर यूं कहें कि एक तरह से शरीर को अंदर से खोखला करती रहती हैं, जिससे इम्यून सिस्टम पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और शरीर किसी भी संक्रामक रोग की चपेट में में जल्दी आ जाता है। अतः इनका त्याग करना ही उचित है। इसके अलावा यदि आप शाकाहार को अपनाते हैं तो यह आपके लिए एक प्लस प्वाइंट साबित होगा।
निष्कर्ष - Wrapping Up
इस प्रकार से आप अपने खान-पान में समुचित पौष्टिक आहार और कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों को शामिल करके इम्यूनिटी पावर में वृद्धि कर सकते हैं। साथ हीं योग, व्यायाम एवं संतुलित व अनुशासित जीवनशैली का सहारा लेकर भी अपने इम्यून सिस्टम को हमेशा मजबूत बनाए रख सकते हैं।
प्रस्तुत लेख में दी गई सूचना एवं बताए गए उपाय सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। अतः विशेष ज्ञान हेतु संबंधित चिकित्सक से सलाह लेना उत्तम होगा।
आप इस लेख से कितने संतुष्ट हैं, कमेंट करके जरूर बताएं।
यद्यपि इस लेख बताए हुए उपाय लाभकारी एवं उपयोगी हैं, परन्तु इनके प्रत्येक व्यक्ति पर समान एवं वांछित रूप से प्रभावकारी होने का दावा नहीं किया जा सकता। अत: इनपर विशेषज्ञ की सलाह से आश्वस्त होकर अमल करना हीं उत्तम होगा।
हमारा शरीर स्वयं ही एक बहुत जटिल तंत्र है, जिसमें अलग-अलग तंत्र एक केंद्रीय तंत्र यानी मस्तिष्क के द्वारा संचालित होते हैं। अतः इसके स्वस्थ बने रहने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि हमारे शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली यानी Immune system मजबूत बना रहे हैं। आपने इन दिनों ये दो शब्दों Immune system और Immunity के बारे में खूब सुना होगा। परंतु क्या आप वास्तव में इसके बारे में जानते हैं कि आखिर यह है क्या है? यदि नहीं तो इस लेख में आपको इस प्रश्न का समुचित उत्तर मिल जाएगा कि वास्तव में इम्यूनिटी क्या होती है और अपने शरीर के इम्यून सिस्टम को सुधारने और मजबूत बनाने के लिए हमें क्या करना चाहिए।
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इम्यूनिटी बढ़ाने के नेचुरल उपाय |
Immune system क्या है?
Immune system हमारे शरीर की एक सुरक्षा प्रणाली है, जो हमारे शरीर को विविध रोग व्याधियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। यह अलग अलग प्रकार की कोशिकाओं, अंगों, प्रोटीन्स एवं रसायनों आदि का ऐसा जटिल समूह है, जो हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार के संक्रमण अर्थात इंफेक्शन से बचाने में मदद करता है। वैसे तो इम्यून सिस्टम की व्याख्या भी थोड़ी जटिल है, लेकिन हम आपको इसे बहुत ही सरल शब्दों में समझाने का प्रयास करेंगे।
इम्यून सिस्टम के अंतर्गत आने वाले प्रमुख भाग हैं - Main Components of Our Immune System
- लसीका तंत्र (Lymphatic System)
- श्वेत रक्त कोशिकाएं यानी White Blood Cells -
- प्लीहा (Spleen)
- थाइमस (Thymus)
- रोग-प्रतिकारक (Antibodies)
- पूरक तंत्र (Complement System)
- अस्थिमज्जा (Bone Marrow)
ये वो भाग हैं, जो शरीर को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। इन्हीं भागों में अनियमितता का होना Weak Immunity अर्थात कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का कारण होता है। वास्तव में हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम उन सभी सूक्ष्मजीवों अथवा कीटाणुओं को एक प्रकार से चिन्हित कर लेता है, जो कभी ना कभी हमारे शरीर को क्षति पहुंचा चुके हैं या पहुंचाने का प्रयास कर चुके हैं। इन्हें पहचानने का काम श्वेत रक्त कोशिकाएं (White Blood Cells) करती हैं, जिन्हें मेमोरी सेल्स भी कहा जाता है। फिर जब भी ये सूक्ष्मजीव हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं तो हमारा सिस्टम उनको तत्काल नष्ट कर देता है, अथवा निष्क्रिय कर देता है।
परंतु जब हमारा Immune system कमजोर रहता है या उसमें अनियमितता आ जाती है, तो ऐसे में हानि पहुंचाने वाले माइक्रो-ऑर्गेनिज्म के शरीर में प्रवेश करने पर हमारा तंत्र ना ही उनका जल्दी पता लगा पाता है और ना ही उन्हें तत्काल नष्ट करने में सक्षम रह जाता हैं। इसी कारण हमें विभिन्न प्रकार के इंफेक्शन, एलर्जी या ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अब आइए जानते हैं कि हमारे Immune System के कमजोर होने पर कौन-कौन से लक्षण दिखाई दे सकते हैं?
कमजोर इम्यूनिटी के लक्षण - Signs of Weak Immunity
कमजोर इम्यूनिटी के कुछ सामान्य लक्षणों में,
- बार-बार वायरल इन्फेक्शन सर्दी-जुकाम आदि होना
- पाचन संबंधी गड़बड़ी बने रहना
- घावों का जल्दी ना भरना
- जोड़ों का दर्द रहना
- हाथ पैर में झनझनाहट या सुन्न होना
- अक्सर थकान महसूस होना
- जल्दी भूख न लगना
- निगलने में परेशानी होना
- अंदरुनी अंगों में जलन महसूस होना
- धूप के प्रति सेंसिटिव होना
- श्वास संबंधी परेशानियां जैसे दमा
- ब्रोंकाइटिस आदि, स्किन इंफेक्शन
- शारीरिक विकास धीमा होना
- रक्त संबंधी अनियमितता जैसे एनीमिया
- ऑटोइम्यून डिसऑर्डर इत्यादि शामिल हैं।
एक कमजोर Immune system वाले व्यक्ति में इनमें से एक से अधिक लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। हालांकि इसका इतनी सटीकता से दावा तो नहीं किया जा सकता, परंतु इन्हें संभावित लक्षणों के रूप में अवश्य देखा जा सकता है।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या करें? - How To Boost Immunity
शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए तीन मुख्य बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है। वे तीन मुख्य बिंदु हैं, आवश्यक पौष्टिक आहार, योग-प्राणायाम एवं अन्य शारीरिक गतिविधियां तथा एक संतुलित और अनुशासित जीवनशैली। एक स्वस्थ शरीर का इम्यून सिस्टम मुख्य रूप से इन्हीं स्तंभों पर आधारित रहता है और हमें इन्हीं को सुदृढ़ करने की आवश्यकता होती है। इन्हें सुदृढ़ करने के पश्चात हमारे शरीर की इम्युनिटी स्वतः ही बढ़ जाती है। अब आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
A. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आहार एवं घरेलू नुस्खे - Foods and Home Remedies for Strong Immunity
अच्छी सेहत और मजबूत इम्यूनिटी बरकरार रखने में हमारे खान-पान का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहता है। वास्तव में ज्यादातर बीमारियां दवाइयों से नहीं, बल्कि हमारे अच्छे खान-पान से ही दूर रहती हैं। यदि हम उचित और पौष्टिक आहार लेते रहें तो इससे हमारे बीमार पड़ने की संभावना भी बहुत ही कम हो जाती है। दूसरे शब्दों में यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। यहां आगे हम आपको कुछ ऐसे आहार बताएंगे, जिन्हें अपने भोजन में शामिल करने से आप अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बना पाएंगे और सर्दी-जुकाम, फ्लू और संक्रमण आदि से भी बचे रहेंगे।
1. Vitamin C से भरपूर फल एवं सब्जियां -
हमारे इम्यून सिस्टम के लिए Vitamin C अत्यंत महत्वपूर्ण है शरीर में इसकी पूर्ति के लिए हमारे पास आहारों के ढेर सारे विकल्प मौजूद हैं। तो आइए जानते हैं कि किन किन चीजों के सेवन से हमें पर्याप्त Vitamin C प्राप्त होता है।
I. सिट्रस फल - Citrus Fruits
सिट्रस फल वे होते हैं, जिनमें पर्याप्त सिट्रिक एसिड मौजूद होता है। ये फल Vitamin C से भी भरपूर होते हैं, जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायता करते हैं। इसके अतिरिक्त विटामिन सी को रक्त में श्वेत रक्त कोशिकाओं (white blood cells) को बढ़ाने वाला कारक भी माना जाता है, जो संक्रमण से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Vitamin C की आवश्यकता हमारे शरीर को हर रोज पड़ती है, लेकिन जानने वाली बात यह है कि विटामिन सी का हमारे शरीर में ना तो उत्पादन होता है और ना ही इसका भंडारण। इसलिए प्रतिदिन शरीर को इसकी आपूर्ति करनी पड़ती है।
एक वयस्क व्यक्ति के लिए प्रतिदिन कम से कम 90 मिलीग्राम एवं एक महिला के लिए 75 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है। कुछ महत्वपूर्ण सिट्रस फल जो प्रचुर मात्रा में विटामिन सी से युक्त होते हैं। उनमें संतरे, कीनू, नींबू, ग्रेपफ्रुट (नारंगी जैसा) और लाइम इत्यादि शामिल हैं। इन्हें आप अपने भोजन में शामिल करके अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
II. कैप्सिकम - Capsicum
कैप्सिकम, जिसको हमारे यहां शिमला मिर्च के नाम से भी जाना जाता है, इसमें प्रचुर मात्रा में Vitamin C पाया जाता है। साथ ही साथ इसमें ढेर सारे एंटीऑक्सीडेंट भी मौजूद होते हैं, जो हमारे शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। कैप्सिकम हमारे यहां आसानी से उपलब्ध हो जाता है। अतः इसे अपने भोजन में शामिल करना एक शानदार विकल्प है।
वैसे तो हरे कैप्सिकम भी विटामिन सी से भरपूर होते हैं, लेकिन लाल कैप्सिकम में हरे कैप्सिकम की तुलना में लगभग दोगुनी मात्रा में विटामिन सी उपस्थित होता है। इसलिए उसका सेवन करना हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए एक उत्तम है।
III. कीवी - Kiwi
कीवी फल में भी पर्याप्त विटामिन सी मौजूद होता है। इसके अतिरिक्त यह पोटैशियम फोलेट एवं Vitamin k का भी अच्छा स्रोत होता है। विटामिन K हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने और घाव को जल्दी भरने के लिए जरूरी है। एक ओर जहां Vitamin C हमारी श्वेत रक्त कोशिकाओं को मजबूत बनाने का काम करता है। वहीं दूसरी ओर कीवी में मौजूद अन्य पोषक तत्व हमारे शरीर की दूसरी क्रिया विधियों को सुचारू रूप से संचालन में मदद करते हैं।
IV. पपीता - Papaya
पपीता भी एक बहुपयोगी फल है। इसमें ना केवल Vitamin C उपस्थित होता है, बल्कि उसमें उसकी प्रचुरता भी बहुत होती है। यह कई मायने में हमारी सेहत के लिए लाभकारी होता है। इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम एवं फोलेट आदि भी उपस्थित होते हैं, जो बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए आवश्यक होते हैं। इसके अतिरिक्त इनमें पेपेन नामक पाचक एंजाइम भी मौजूद होता है, जो पेट संबंधी समस्याओं को दूर करके इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है।
V. ब्रोकली - Broccoli
ब्रोकली सबसे पौष्टिक सब्जियों में से एक है। यह न केवल विटामिन सी से भरपूर होता है, बल्कि इसमें विटामिन A एवं B विटामिंस, विटामिन K, फाइबर एवं बहुत सारे खनिज तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। इसके सेवन से हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलती हैं। इसके संपूर्ण पोषक तत्वों को बरकरार रखने के लिए इसे अन्य सब्जियों की तरह नहीं, बल्कि स्टीम करके पकाना उचित रहता है।
उपर्युक्त आहारों के अतिरिक्त Vitamin C से भरपूर कुछ अन्य आहार जैसे अमरूद, आंवला, आम, अंगूर (खासकर काला), अनारस, टमाटर, स्ट्रॉबेरी, अन्य बेरी फल, साबुत धनिया, गोभी, हरी मिर्ची, पालक, सरसों का साग एवं दूसरी सभी हरी सब्जियां इत्यादि उत्तम विकल्प हैं। इन्हें भी हमें भोजन में शामिल करना चाहिए।
इनके अलावा प्रतिदिन आंवले से निर्मित च्यवनप्राश का सेवन करना भी अत्यंत लाभकारी रहता है। इसमें भरपूर विटामिन सी और अन्य जड़ी बूटियों की शक्ति भी समाहित रहती हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में काफी उपयोगी साबित होती है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए प्रतिदिन एक चम्मच चवनप्राश का सेवन करने की सलाह भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा भी दी गई है।
इसे भी पढ़ें - किस विटामिन की कमी से कौन सा रोग होता है और उसकी पूर्ति के लिए हमे क्या आहार लेना चाहिए?
2. इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए हल्दी वाले दूध का सेवन - Golden Milk for Better Immunity
वैसे तो हल्दी का प्रयोग हमलोग अपने दैनिक जीवन में भोजन में इस्तेमाल होने वाले एक मसाले के रूप में अथवा कई बार एक सौंदर्य प्रसाधन के रूप में भी करते हैं, लेकिन आपको बता दें कि हल्दी अनेक स्वास्थ्यवर्धक औषधीय गुणों से भी युक्त होता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी एवं एनाल्जेसिक अर्थात पीड़ाहारी गुण पाए जाते हैं। ऐसे में इसका प्रयोग दूध के साथ करने पर यह और भी अधिक लाभकारी हो जाता है।
करक्यूमिन से भरपूर हल्दी को दूध के साथ उबालकर पीने से यह एक इम्यूनिटी बूस्टर की तरह कार्य करता है। दूध के साथ उबालने पर जो इसका सुनहरा रंग निकल कर आता है, इसी कारण इसे गोल्डन मिल्क भी कहा जाता है, जिसके गुण भी स्वर्ण के समान ही उत्तम माने जाते हैं।
हल्दी वाला दूध तैयार एवं सेवन करने की विधि -
हल्दी वाले दूध अर्थात Golden Milk तैयार करने के लिए आप डेढ़ ग्लास दूध लीजिए। यदि दूध देसी गाय का हो तो सर्वोत्तम होगा। फिर उसे उबलने के लिए रख दें। जब यह उबलने लगे, तब इसमें आधा चम्मच हल्दी पाउडर डालकर कुछ देर और उबलने के लिए छोड़ दें। थोड़ा दूध जलने के बाद जब एक ग्लास दूध बच जाए, तब इसे आंच से उतार लें और हल्का गुनगुना रहने पर इसका सेवन करें। प्रतिदिन इसके सेवन से बहुमूल्य फायदे प्राप्त होंगे।
3. ग्रीन टी का सेवन - Green Tea to Strengthen Immune System)
हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में एंटीऑक्सीडेंट्स का महत्वपूर्ण योगदान होता है। ऐसे में ग्रीन टी का सेवन हमारी इस आवश्यकता को पूरा कर सकता है। ग्रीन टी में फ्लेवोनॉयड एवं अन्य बहुत से एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को सुदृढ़ बनाने का काम करते हैं। इसमें एल-थीयानाइन नामक एमीनो एसिड भी मौजूद होते हैं, जो T-Cells को मजबूत बनाने में योगदान देते हैं। यदि आप भी प्रतिदिन ग्रीन टी का सेवन करते हैं तो यह आपके बीमार पड़ने की संभावना को कम कर देता है।
ग्रीन टी के अतिरिक्त ब्लैक टी भी काफी लाभकारी होता है। इसलिए आप इनका भी सेवन कर सकते हैं।
4. भुना हुआ लहसुन और शहद - Roasted Garlic with Honey to Fight Illness
शहद के साथ भुने हुए लहसुन का सेवन किसी औषधि से कम नहीं है। इनका उपयोग परंपरागत रूप से ही अनेक रोगों के उपचार में किया जाता रहा है। लहसुन में एलीसिन सल्फर कंपाउंड मोजूद होते हैं। यह एंटीबैक्टीरियल एवं रोगाणु नाशक गुण प्रदर्शित करते हैं। वहीं दूसरी ओर शहद पर्याप्त ऊर्जा के साथ साथ फ्लेवोनॉयड और पॉलिफिनॉल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। यह हमारे इम्यून सिस्टम को सुदृढ़ बनाने में सहायता करते हैं। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल एवं एंटी-फंगल गुण भी उपस्थित होते हैं। ऐसे गुणों की उपस्थिति के कारण इन दोनों का कॉम्बीनेशन एक उत्तम औषधि साबित होता है।
लाभ - भुने हुए लहसुन और शहद का सेवन शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाकर न केवल सर्दी-जुकाम, खांसी, गले के इन्फेक्शन, साइनस, फ्लू और संक्रमण आदि से बचाता है, बल्कि LDL कोलेस्ट्रॉल, जिसे बैड कोलेस्ट्रॉल भी कहते हैं, के स्तर को कम करके ह्रदय रोग से भी बचाता है। यह पेट और दिमाग से जुड़ी समस्याओं में भी लाभकारी होता है। केवल इतना ही नहीं, ये शरीर से विषाक्त पदार्थ अर्थात टॉक्सिंस को साफ करके कैंसर जैसे रोग से भी लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।
विधि - इनका सेवन करने के लिए सबसे पहले लहसुन की कलियों को छीलकर उन्हें तवे पर हल्का रोस्ट कर लें, यानी कि भुन लें। फिर इन्हें कांच की शीशी में 100 से 150 मिली शहद में डुबोकर रख दें। प्रतिदिन इनमें से शहद सहित एक से दो कलियां चम्मच से निकालकर खाएं। यदि खाली पेट इसका सेवन करेंगे तो और भी लाभकारी होगा।
ध्यान दें - लहसुन में मौजूद सल्फर कंपाउंड से कुछ लोगों को एलर्जी भी होती है। ऐसे में इसका सेवन करने से पहले यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि आपको उससे एलर्जी तो नहीं है। साथ हीं मधुमेह के रोगी शहद का सेवन चिकित्सक से सलाह लेकर हीं करें।
5. घरेलू सामग्रियों से तैयार करें औषधीय काढ़ा - Homemade Kada for Strong Immunity
यदि आप चाहें तो शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए किचन में मौजूद सामग्रियों से ही एक औषधीय काढ़ा तैयार करके उसका सेवन कर सकते हैं। आगे हम आपको इसमें प्रयोग होने वाली सामग्री और तैयार करने की विधि के बारे में बताएंगे।
औषधीय काढ़ा तैयार करने की सामग्री एवं विधि -
इस औषधीय काढ़े को तैयार करने के लिए सॉस पैन में तीन कप पानी लें। इसमें आधा चम्मच अजवाइन, आधा चम्मच जीरा, पाँच दाने काली मिर्च के, आधा चम्मच दालचीनी पाउडर या फिर साबुत, 7 से 8 तुलसी पत्र, थोड़ा अदरक कद्दूकस किया हुआ (यदि बीपी की समस्या है तो अदरक ना डालें) और एक छोटी गुड़ की डली डाल दें। अब इस पूरी सामग्री को उबालने के लिए रख दीजिए। इसे खूब उबलने दें और जब पानी आधा बच जाए तब इसे आंच से उतारकर छान लें और हल्का गुनगुना रह जाने पर इसका सेवन करें। यदि आप सुबह के समय इसका सेवन करते हैं तो अति उत्तम होगा।
लाभ - इस औषधि काढ़े का सेवन सर्दी-जुकाम, खांसी एवं वायरल इंफेक्शन में लाभकारी होता है। ये गले की खराश और पुराने कफ को ठीक करने में भी असरदार है। साथ ही यह शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता अर्थात इम्यूनिटी बढ़ाने में भी कारगर होता है।
B. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए योग एवं प्राणायाम - Yoga Asanas and Pranayam to Boost Immunity Power
योग एवं व्यायाम का हमारी सेहत से बहुत ही गहरा नाता है। यह हमारे शरीर के विभिन्न रोग व्याधियों को दूर करने का एक महत्वपूर्ण साधन भी है। यह न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य में वृद्धि करने में भी उपयोगी है। ऐसे में प्रतिदिन योग एवं व्यायाम से हम अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बना सकते हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है। यहां आगे हम आपको कुछ ऐसे योगासनों और प्राणायाम के बारे में बताएंगे, जो हमारी इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक सिद्ध होते हैं।
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इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए योग आसन |
I. अर्ध-मत्स्येंद्रासन - Ardha matsyendrasana
अर्ध-मत्स्येंद्रासन को करने के लिए इन सभी चरणों का अनुसरण कीजिए।
- समतल भूमि पर चटाई डालकर दंडासन में बैठ जाइए।
- अब अपने बाएं पैर को मोड़कर दाहिने घुटने के ऊपर से लाकर दूसरी तरफ बाएं पैर के पंजे को जमीन पर बराबर रख दीजिए।
- इसके बाद अपने मुड़े हुए दाहिने पैर को थोड़ा आगे बढ़ाकर बाएं नितंब के पास भूमि पर आराम से रख दीजिए।
- फिर बाएं पैर के ऊपर से दाएं हाथ को लाइए और बाएं पैर के अंगूठे को पकड़ लीजिए।
- इसके बाद सांस छोड़ते हुए अपने धड़ को जितना अधिक हो सके उतना अधिक मोड़े
- गर्दन को भी इस प्रकार मोड़े की आपकी दृष्टि बाएं कंधे पर केंद्रित रहे।
- अपने बाएं हाथ को जमीन पर टिकाए रखें और सामान्य रूप से सांस लें।
- लगभग आधे से 1 मिनट तक इसी मुद्रा में रहे और फिर यही प्रक्रिया दूसरी तरफ भी करें।
वैसे तो यह योग मुख्य रूप से पेट एवं रीढ़ की हड्डी व स्पाइन से जुड़ी समस्याओं के लिए है, जोकि हमारे अंदरूनी अंगों की क्रिया-विधि को सुचारू करने में भी उपयोगी साबित होता है। साथ ही यह हमारे इम्यून सिस्टम की इकाइयों को भी मजबूत करता है।
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II. त्रिकोण आसन - Triangle Pose
शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए त्रिकोणासन भी उत्तम आसन है। यह रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनाने में सहायक होता है। प्रतिदिन इसके अभ्यास से शरीर में ब्लड सरकुलेशन बढ़ता है और मेटाबॉलिज्म में भी सुधार आता है। इससे रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। आगे जानिए त्रिकोणासन करने की विधि क्या है।
त्रिकोणासन करने की विधि
- सीधे खड़े होकर अपने दोनों पैरों के बीच 3 से 4 फीट की दूरी बना लें।
- फिर अपने दाएं पैर को थोड़ा घुमा कर उसकी एड़ी के मध्य बिंदु एवं बाएं पैर के पंजे के आर्क के मध्य बिंदु को एक सीध में कर लें।
- भीतर की ओर गहरी सांस लीजिए और हल्के-हल्के छोड़िए।
- सांसो को छोड़ते हुए शरीर को दाईं ओर झुकाएं और अपने दाएं हाथ से जमीन को स्पर्श करते हुए बाएं हाथ को ऊपर की ओर उठाएं और उसके अग्रभाग को देखें।
- चित्र में दिखाएं अनुसार दोनों हाथों को इस प्रकार सीधा रखें, ताकि एक सीधी रेखा बने।
- शरीर को एकदम ढीला रखें और कुछ सेकंड तक इसी अवस्था में रहें।
- फिर यही प्रक्रिया दूसरी तरफ भी करें और उसके बाद हाथों को नीचे करके रिलैक्स होकर खड़े हो जाएं।
III. पश्चिमोत्तानासन - Paschimottasana
यह योगासन शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ाने में सहायक है। यह मस्तिष्क तक पर्याप्त ब्लड सरकुलेशन कराने में मदद करता है। साथ ही यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बेहतर बनाने में सहायक होता है। इस योग आसन को करने के लिए निम्नलिखित चरणों का अनुसरण कीजिए।
- समतल भूमि पर चटाई बिछाकर बैठ जाएं।
- इसके बाद अपने दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाएं और अपनी कमर सीधी रखें।
- भीतर की ओर गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथ साथ में ऊपर की ओर उठा लें।
- सांस छोड़ते हुए शरीर को आगे की ओर झुकाएं और दोनों हाथों से पैर के पंजों को पकड़ने का प्रयास करें।
- जब पंजे हाथों से पकड़ में आने लगे, तब अपने माथे को घुटने तक लाने का प्रयास करें।
- इसी अवस्था में 1 से 2 मिनट तक रुके रहें और अपने सांस को सामान्य बनाए रखें।
- इस दौरान शरीर में जहां भी खिंचाव हो रहा है, अपना ध्यान उन्हीं पर केंद्रित करें।
- इसके बाद पुनः पूर्ववत अवस्था में आ जाएं।
IV. सर्वांगासन - Sarwangasana
इस आसन को करने के लिए इन चरणों का अनुसरण कीजिए।
- समतल भूमि पर चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
- फिर अपने दोनों हाथों की मदद से दोनों पैर एवं कमर को उर्ध्व अर्थात ऊपर की ओर उठाइए।
- ऐसी अवस्था में आपके शरीर का संपूर्ण भार दोनों शोल्डर और सर पर आएगा।
- इस अवस्था में अपने सर और गर्दन को एक ही सीध में बनाए रखें।
- इस दौरान पैरों को मोड़ने का प्रयास ना करें।
- 2 से 3 मिनट तक इस आसन का अभ्यास करके पूर्ववत अवस्था में आ जाएं।
V. धनुरासन - Dhanurasana
इस योगासन को करने के लिए निम्न चरणों का अनुसरण कीजिए।
- समतल भूमि पर चटाई बिछाकर पेट के बल लेट जाएं।
- इसके बाद दोनों हाथों से पैर के टखनों को पकड़ लें।
- ध्यान रखें दाएं हाथ से दाहिने और बाएं हाथ से बाएं टखने को पकड़ना है।
- फिर अंदर की ओर गहरी सांस लेते हुए सामने अपने अग्रभाग और कंधे को और पश्च भाग की ओर से दोनों पैरों और जांघों को ऊपर की ओर जितना संभव हो सके उठाइए।
- इस दौरान अपने श्वास को सामान्य बनाए रखें और अपना ध्यान नाभि के केंद्र बिंदु पर इस प्रकार बनाए रखें की दिल की धड़कन का आभास नाभि में भी हो।
- इस तरह से आप अपने शरीर से एक धनुष की आकृति बनाएंगे।
- 2 से 3 मिनट तक इसी अवस्था में रहकर अभ्यास करें और फिर पूर्ववत अवस्था में आ जाएं।
इन योगासनों के पश्चात अब आइए कुछ प्राणायाम के बारे में भी जान लें, जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध होते हैं।
क. कपालभाति प्राणायाम -
इस प्राणायाम को करने के लिए समतल भूमि पर आसन लगाकर ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं। इस दौरान अपनी कमर और गर्दन को सीधा रखें। इसके पश्चात सांस को तेजी से बाहर छोड़ने का प्रयास करें। ध्यान रहे कि इस दौरान सांस अंदर लेने का प्रयास नहीं करना है, क्योंकि स्वतः क्रिया के अन्तर्गत हल्की श्वास अपने आप ही भीतर चली जाएगी। अपना ध्यान श्वास को तेजी से केवल बाहर छोड़ने पर लगाएं। इस प्राणायाम से भी हमारे इम्यून सिस्टम पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
ख. भस्त्रिका प्राणायाम -
इस प्राणायाम को करने के लिए समतल भूमि पर कमर एवं गर्दन को सीधा रखते हुए ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद तेजी से सांस अंदर की ओर ले और बाहर की ओर छोड़ें। इस दौरान जब सांस अंदर की ओर लें तो पेट को बाहर निकालें और श्वास छोड़ते समय पेट अंदर खींचें। कुछ मिनटों तक इसका अभ्यास करें।
यह प्राणायाम फेफड़े को मजबूत बनाने के साथ-साथ शरीर द्वारा ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता को भी बढ़ाता है। यह सीधे तौर पर हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध होता है। साथ ही शरीर में नवीन ऊर्जा का संचार करके उसे रिजूवनेट करने में भी मदद करता है। इस प्राणायाम के अभ्यास से ब्लड सरकुलेशन भी बढ़ता है, जिससे ब्रेन की फंक्शनिंग अच्छी होती है और मेंटल अलर्टनेस बढ़ती है।
ग. अनुलोम विलोम -
कदाचित आप इस प्राणायाम से पूर्व से ही परिचित होंगे। इसको करने के लिए उसी प्रकार कमर एवं गर्दन को सीधा रखते हुए, समतल भूमि पर बैठ जाएं फिर। अपने सीधे हाथ के अंगूठे से दाहिने नासिका छिद्र को बंद करके बांए नासिका छिद्र से सांस अंदर की ओर लें। सांस अंदर लेने के पश्चात अनामिका अंगुली से बाएं नासिका के छिद्र को बंद करके, अंगूठे को हटाकर दाहिने नासिका छिद्र से सांस को बाहर की ओर छोड़ें। फिर उसी छिद्र से श्वास अंदर ले और बांए नासिका छिद्र से अनामिका को हटाकर श्वास को छोड़ें। इस दौरान श्वास अंदर लेने पर कुछ सेकंड रोककर रखें।
इसी क्रिया को 3 से 5 मिनट तक करें। यह प्राणायाम फेफड़ों, मस्तिष्क एवं इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायता करता है।
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C. संतुलित एवं अनुशासित जीवनशैली - Disciplined Lifestyle to Improve Immune System
हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए हमारी दिनचर्या एवं जीवनशैली का संतुलित एवं अनुशासित होना अनिवार्य है। इसके लिए प्रत्येक कार्य को ठीक समय पर करना आवश्यक है। जैसे अपने नाश्ते एवं भोजन का समय निश्चित करें और उसी समय पर भोजन करें। सोने और जागने समय भी निश्चित करें। क्योंकि एक अच्छी नींद को एक अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी माना जाता है। इसके अभाव में हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है, इसलिए कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें।
इसके अतिरिक्त कुछ बुरे व्यसनों जैसे एल्कोहॉल ड्रिंकिंग, धूम्रपान, तंबाकू आदि नशे की लत को छोड़ना भी जरूरी है। ये नशे की लत अंगों को क्षति पहुंचाते हैं। या फिर यूं कहें कि एक तरह से शरीर को अंदर से खोखला करती रहती हैं, जिससे इम्यून सिस्टम पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और शरीर किसी भी संक्रामक रोग की चपेट में में जल्दी आ जाता है। अतः इनका त्याग करना ही उचित है। इसके अलावा यदि आप शाकाहार को अपनाते हैं तो यह आपके लिए एक प्लस प्वाइंट साबित होगा।
निष्कर्ष - Wrapping Up
इस प्रकार से आप अपने खान-पान में समुचित पौष्टिक आहार और कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों को शामिल करके इम्यूनिटी पावर में वृद्धि कर सकते हैं। साथ हीं योग, व्यायाम एवं संतुलित व अनुशासित जीवनशैली का सहारा लेकर भी अपने इम्यून सिस्टम को हमेशा मजबूत बनाए रख सकते हैं।
प्रस्तुत लेख में दी गई सूचना एवं बताए गए उपाय सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। अतः विशेष ज्ञान हेतु संबंधित चिकित्सक से सलाह लेना उत्तम होगा।
आप इस लेख से कितने संतुष्ट हैं, कमेंट करके जरूर बताएं।
यद्यपि इस लेख बताए हुए उपाय लाभकारी एवं उपयोगी हैं, परन्तु इनके प्रत्येक व्यक्ति पर समान एवं वांछित रूप से प्रभावकारी होने का दावा नहीं किया जा सकता। अत: इनपर विशेषज्ञ की सलाह से आश्वस्त होकर अमल करना हीं उत्तम होगा।
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