मस्तिष्क हमारे पूरे शरीर के संचालन की केंद्रीय इकाई के रूप में कार्य करता है। अगर दिमाग की फंक्शनिंग सही ना हो तो हमारी सभी शारीरिक क्रियाएं अस्त-व्यस्त हो जाती हैं। और जब दिमाग ठीक तरीके से काम नहीं करता तो याददाश्त कमजोर होना भी लाजमी है। ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि किस विधि द्वारा हम अपने दिमाग की कार्य विधि को बढ़ा सकते हैं और याददाश्त तेज़ कर सकते हैं।
यहां आपको हम बताना चाहेंगे कि शरीरके विभिन्न भागों को जागृत एवं सक्रिय करने के लिए योग व प्राणायाम का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहता है। हमारा ये आर्टिकल इसी पर आधारित है, जिसमें हम कुछ ऐसे ही योग आसन और प्राणायाम के बारे में बताएंगे, जिन्हें करने से ना केवल हमारी बौद्धिक शक्ति में वृद्धि होती है, बल्कि ये अनेक समस्याओं का निराकरण करके हमारे आत्मविश्वास में भी वृद्धि करता है।
एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए योग ( Yoga for Concentration and Memory Improvement )
योग में इतनी शक्ति होती है कि इसका असर केवल हमारे मस्तिष्क पर ही नहीं, बल्कि आत्मा की गहराई तक होता है। आगे हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताएंगे, जो मुख्य रूप से हमारे मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होते हैं, जिससे हमारी चेतना जागृत होती है।
सर्वांगासन ( Sarwangasana or Shoulder Stand Pose )
लाभ
पश्चिमोत्तानासन ( Paschimottanasana )
लाभ
इस आसन को भी करने से मन को एकाग्रचित्त करने की क्षमता बढ़ती है और सिरदर्द की समस्या भी दूर होती है। यह योग चिंता, थकान और नींद की कमी दूर करता है और साथ हीं भूख भी बढ़ाता है। ये मोटापा कम करने में भी फायदेमंद है।
पादहस्तासन ( Padahastasana )
लाभ
इस आसन से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। इस भाषण को करने से मस्तिष्क के प्रत्येक भाग में रक्त का पर्याप्त प्रवाह होता है, जिससे हमारा नर्वस सिस्टम सुचारू रूप से कार्य करता रहता है।
इसे भी पढ़ें - भुजंग आसन योग करने की विधि एवं लाभ
भ्रामरी प्राणायाम ( Bhramari Pranayam )
भ्रामरी प्राणायाम को "हनी बी बज" भी कहते है। क्योंकि इस योग को करते समय हम मधुमक्खी के भुनभुनाने जैसी ध्वनि उत्पन्न करते हैं। इसी कारण जिस प्राणायाम भ्रामरी कहा जाता है।
लाभ
इस योग आसन को करने से हमारे भीतर भावनाओं की उत्तेजना को नियंत्रित करने की भी क्षमता बढ़ती है। इसके साथ हीं ध्यान केंद्रित करने और कुछ भी याद रखने की क्षमता भी बढ़ती है। इसे करने से सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इससे हमें अपनी एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है। साथ ही दिमाग की सोचने समझने की क्षमता में भी वृद्धि होती है। ये विद्यार्थियों के लिए भी इसलिए अच्छा होता है, क्योंकि इससे स्मरण शक्ति में भी वृद्धि होती हैं। इसके अलावा यह माइग्रेन में भी लाभकारी होता है।
आपको यह जानकारी कैसी लगी आप अपने विचार हमें अवश्य बताएं। अगर आपको यह पोस्ट उपयोगी लगा तो इसे शेयर जरूर करें, धन्यवाद!
यहां आपको हम बताना चाहेंगे कि शरीरके विभिन्न भागों को जागृत एवं सक्रिय करने के लिए योग व प्राणायाम का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहता है। हमारा ये आर्टिकल इसी पर आधारित है, जिसमें हम कुछ ऐसे ही योग आसन और प्राणायाम के बारे में बताएंगे, जिन्हें करने से ना केवल हमारी बौद्धिक शक्ति में वृद्धि होती है, बल्कि ये अनेक समस्याओं का निराकरण करके हमारे आत्मविश्वास में भी वृद्धि करता है।
एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए योग ( Yoga for Concentration and Memory Improvement )
योग में इतनी शक्ति होती है कि इसका असर केवल हमारे मस्तिष्क पर ही नहीं, बल्कि आत्मा की गहराई तक होता है। आगे हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताएंगे, जो मुख्य रूप से हमारे मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होते हैं, जिससे हमारी चेतना जागृत होती है।
सर्वांगासन या Shoulder stand pose |
सर्वांगासन ( Sarwangasana or Shoulder Stand Pose )
- इस आसन को करने के लिए पीठ के बल संपर्क पर सीधे लेट जाएं।
- इसके बाद धीरे धीरे अपने पैरों को 90 डिग्री के कोण तक ऊपर की ओर उठाएं। अपने पैर एकदम सीधे रखें और गर्दन को स्थिर रखें।
- अपनी दोनों कोहनी को जमीन से टिका कर अपना संतुलन बनाए रखें। साथ ही दोनों कोहनियों को एक दूसरे के करीब रखें।
- अपनी दोनों हथेलियों से पीठ को सपोर्ट दें।
- गहरी सांस लेते रहें और थोड़ी देर तक करीब 30 से 60 सेकंड तक इसी अवस्था में रह कर, फिर वापस से पूर्ववत अवस्था में में लेट जाएं।
- पैरों को वापस नीचे चलाते समय सबसे पहले घुटनों को मोड़े और धीरे-धीरे शरीर के निचले हिस्से को जमीन पर लाएं।
लाभ
इसे योग को करने से मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ता है, जिससे नींद की कमी, सिरदर्द और हाइपरटेंशन जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ हीं ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह पेट संबंधी समस्याएं जैसे कब्ज और अपच आदि ठीक करने में सहायता करता है।
पश्चिमोत्तानासन ( Paschimottanasana )
- इसके लिए पहले समतल पर दोनों पैरों को फैला कर बैठ जाएं। दोनों पैरों को एक दूसरे से सटाकर रखें
- गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को लंबवत ऊपर की ओर उठाएं।
- फिर सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों को नीचे की और लाएं और आगे की ओर फैलाते हुए नाक से घुटने को छूने का प्रयास करें।
- कुछ सेकंड तक इसी अवस्था में रहे और फिर इसको दोहराएं।
पश्चिमोत्तानासन विधि |
लाभ
इस आसन को भी करने से मन को एकाग्रचित्त करने की क्षमता बढ़ती है और सिरदर्द की समस्या भी दूर होती है। यह योग चिंता, थकान और नींद की कमी दूर करता है और साथ हीं भूख भी बढ़ाता है। ये मोटापा कम करने में भी फायदेमंद है।
पादहस्तासन ( Padahastasana )
- इस योगासन में सीधे सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं।
- फिर श्वास छोड़ते हुए अपने सिर को घुटनों या उससे नीचे तक धीरे धीरे झुकाएं
- अपने दोनों हाथों को पैरों के पणजी पास व्यवस्थित कर लें।
- थोड़ी देर तक लगभग 30 सेकंड तक इसी मुद्रा में रहने के बाद फिर से खड़े हो जाएं।
- कुछ देर तक इसी प्रक्रिया को दोहराएं।
- पदस्थापन को भुजंगासन, सेतुबंध आसन या फिर चक्रासन करने के पहले अथवा बाद में करें, इससे सहूलियत होगी।
पादहस्तासन |
लाभ
इस आसन से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। इस भाषण को करने से मस्तिष्क के प्रत्येक भाग में रक्त का पर्याप्त प्रवाह होता है, जिससे हमारा नर्वस सिस्टम सुचारू रूप से कार्य करता रहता है।
इसे भी पढ़ें - भुजंग आसन योग करने की विधि एवं लाभ
भ्रामरी प्राणायाम ( Bhramari Pranayam )
भ्रामरी प्राणायाम को "हनी बी बज" भी कहते है। क्योंकि इस योग को करते समय हम मधुमक्खी के भुनभुनाने जैसी ध्वनि उत्पन्न करते हैं। इसी कारण जिस प्राणायाम भ्रामरी कहा जाता है।
- इस प्राणायाम को करने के लिए योगासन मुद्रा में बैठकर सबसे पहले दोनों तर्जनी उंगलियों से कान के छिद्रों को बंद करें। दोनों उंगलियों को कान के पास की उपास्थि के ऊपर रखें।
- इसके बाद श्वास अंदर की ओर लें और मुख को बंद रखते हुए मधुमक्खी के भुनभुनाने जैसी आवाज निकालें। धीमी अथवा तेज आवाज निकाल सकते हैं।
- ऐसा करने से आप अनुभव करेंगे कि आपके मस्तिष्क में कंपन हो रहा है।
- इस कंपन के कारण हमारा नर्वस सिस्टम रेजुविनेट हो जाता है।
- इस प्रक्रिया को चार से पांच बार रिपीट करें
भ्रामरी प्राणायाम |
लाभ
इस योग आसन को करने से हमारे भीतर भावनाओं की उत्तेजना को नियंत्रित करने की भी क्षमता बढ़ती है। इसके साथ हीं ध्यान केंद्रित करने और कुछ भी याद रखने की क्षमता भी बढ़ती है। इसे करने से सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इससे हमें अपनी एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है। साथ ही दिमाग की सोचने समझने की क्षमता में भी वृद्धि होती है। ये विद्यार्थियों के लिए भी इसलिए अच्छा होता है, क्योंकि इससे स्मरण शक्ति में भी वृद्धि होती हैं। इसके अलावा यह माइग्रेन में भी लाभकारी होता है।
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