सूर्य नमस्कार योग कैसे करें जानें स्टेप बाई स्टेप विधि और इसके फायदे
सूर्य नमस्कार योग का इतिहास काफी पुराना है। आदि काल से ही ऋषि मुनि इसकी शिक्षा देते आ रहे हैं। प्राचीन समय से ही सूर्य नमस्कार योग मानव जाति का कल्याण करता रहा है। इस योग को करने की विधि अत्यंत वैज्ञानिक और प्रमाणित है। इसके अंतर्गत 12 मुद्राएं यानी आसन आते हैं। इस योग को करने के दौरान लगभग शरीर के प्रत्येक अंग पर इसका प्रभाव पड़ता है। सूर्य नमस्कार योग के बारे में ऐसा भी माना जाता है कि यदि उचित विधि से केवल इसी योग को प्रतिदिन किया जाए, तो इससे समस्त प्रकार के योग को करने के फायदे मिलते हैं। इसलिए सबसे पहले आइए हम जानते हैं कि सूर्य नमस्कार योग को करने की क्रमवार विधि क्या है?
सूर्य नमस्कार योग को करने के लिए प्रात: काल में आठ बजे से पहले का समय उचित होता है। विशेषकर यदि हम सूर्य उन्मुख होकर इस योग को करें तो यह और भी अधिक लाभदायक होगा। यहां हम आपको सूर्य नमस्कार योग करने की विधि को चरणबद्ध तरीके से बताने का प्रयास करेंगे। हम यह आशा करते हैं कि आप इसे अवश्य हीं सीख जाएंगे। फिर आगे हम आपको बताएंगे कि इस योग को करने के क्या क्या बहुमूल्य फायदे होते हैं।
सूर्य नमस्कार योग करने की क्रमवार विधि
Surya Namaskar Yoga Steps |
1. सूर्य नमस्कार के पहले स्टेप को प्रणामासन कहते हैं। सबसे पहले समतल भूमि पर खड़े होकर पूर्व दिशा की ओर मुख करते हुए दोनों हाथों को परस्पर जोड़कर खड़े हो जाएं। इस स्थिति में आपके घुटने, कमर और गर्दन एकदम सीधी होनी चाहिए। साथ हीं दोनों पैर आपस में जुड़े होने चाहिए।
2. दूसरा स्टेप हस्त-उत्तानासन होता है। इसमें दोनों हाथों को लंबवत सीधा करके गहरी सांस भरते हुए पीछे की ओर इस प्रकार स्ट्रेच करें कि आपका शरीर धनुषाकार दिखाई दे।
3. अगले स्टेप को हस्त-पादासन का जाता है, जिसमें दोनों हाथों को कानों से स्पर्श कराते हुए सांसो को धीरे छोड़ते हुए और अपने घुटनों को सीधा रखते हुए, नीचे झुककर दोनों हाथों की उंगलियों से जमीन को स्पर्श करें।
4. इसके बाद होता है अश्व-संचालनासन। इस आसन में दाहिने पैर को दोनों हाथों के बीच में रखते हुए बाएं पैर को यथासंभव पीछे की ओर ले जाएं और यह करते समय आपका सर ऊपर और श्वास अंदर की ओर होना चाहिए।
5. अब बारी आती है पर्वतासन की। इसमें अपने शरीर को दो हिस्सों में मोड़ते हुए उल्टा वी जैसी आकृति बनाएं।
6. अब अगले स्टेप में आता है अष्टांगनमस्कार आसन। इस आसन में शरीर को चित्र में दिखाएं अनुसार, अधोमुखी अवस्था में लाते हुए और श्वास छोड़ते हुए, मस्तक अथवा ठुड्डी से भूमि को छूएं.
7. इसके बाद अगले स्टेप में भुजंगासन की मुद्रा धारण करें। जिसमें चित्र में दिखाए अनुसार दोनों हाथों को भूमि पर रखते हुए और सांस अंदर लेते हुए ऊपर की ओर देखें।
8. अब एक बार फिर शरीर को दो हिस्सों में मोड़ते में मोड़ते हुए पर्वतासन की मुद्रा में आ जाएं और उल्टा वी जैसी आकृति फिर से बनाएं।
9. इस स्टेप में फिर से अश्व-संचालन आसन को विपरीत पैर से दोहराया जाता है। इसमें बाएं पैर को दोनों हाथों को बीच में रखते हुए दाहिने पैर को पीछे की ओर यथासंभव खींचे और स्वास अंदर लेते हुए ऊपर की ओर देखें।
10. अब फिर से हस्त-पादासन की स्थिति में आ जाएं और घुटनों को सीधा रखते हुए दोनों हाथ की उंगलियों से भूमि को स्पर्श करें.
11. अगले स्टेट में फिर से हस्त-उत्तानासन को दोहराना होता है। इसमें सीधे लंबवत खड़े होकर सांस अंदर लेते हुए दोनों हाथों को पीछे की ओर धनुष आकार आकृति में स्ट्रेच करें.
12. अब पूर्ववत अवस्था में दोनों हाथों को परस्पर जोड़ते हुए सूर्य के उन्मुख होकर प्रणामासन में खड़े हो जाएं।
सूर्य नमस्कार योग से लाभ
Surya Namaskar Yoga Benefits |
सूर्य नमस्कार योग अभ्यास करने की एक बहुत हीं वैज्ञानिक पद्धति है, जिसे पुरातन काल से ही अभ्यास में लाया जाता रहा है। इस योग अभ्यास में संपूर्ण शरीर की इस प्रकार से स्ट्रैचिंग यानी खिंचाव होता है, जिससे हमारे शरीर के प्रत्येक अंग पर इसका प्रभाव पड़ता है।
केवल इतना ही नहीं इस योग प्रक्रिया को बड़े ही वैज्ञानिक तरीके से सुव्यवस्थित भी किया गया है। नियमित रूप से इस योगाभ्यास को करने से उदर यानी पेट, ह्रदय और श्वसन तंत्र संबंधी समस्त विकार दूर रहते हैं।
यह हमारे शरीर के चय-अपचय प्रक्रिया यानी कि मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, जिससे रक्त संचरण यानी ब्लड सरकुलेशन सुचारू रूप से होता है। इस कारण हमें नस संबंधी रोग होने की संभावना कई गुना कम हो जाती है।
यह हमारी हड्डियों और मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। इसके अलावा यह हमारे रीप्रोडक्टिव सिस्टम के लिए भी काफी अनुकूल होता है। नियमित रूप से सूर्य नमस्कार योग करने से शरीर की ऊर्जा भी बढ़ती है।
साथ हीं यह हमारे नर्वस सिस्टम के लिए अभी बहुत ही अच्छा होता है। सूर्य नमस्कार योग के प्रभाव से हमारा मस्तिष्क स्वस्थ, शांत एवं सजग होता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि सूर्य नमस्कार योग के नियमित अभ्यास से हमारे पूरे शरीर पर इसका बहुत ही अनुकूल प्रभाव पड़ता है।
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