हमारे जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में पानी काफी महत्वपूर्ण है। इसकी जरूरत हम सभी को है। ऐसे में यदि हम यह कहें कि भोजन से भी अधिक आवश्यक पानी है, तो यह गलत नहीं होगा। इसकी महत्ता इसी बात से समझी जा सकती है कि हमारे शरीर का लगभग एक तिहाई भाग पानी से हीं निर्मित है। अतः इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
ये तो हुई पानी की महत्ता की बात, लेकिन साथ ही इसकी गुणवत्ता भी उतनी ही आवश्यक है। तात्पर्य यह कि नियमित रूप से शरीर को पर्याप्त पानी की आपूर्ति होना तो जरूरी है हीं, साथ ही यह भी आवश्यक है कि पानी के साथ-साथ हमें संतुलित मात्रा में मिनरल्स अर्थात खनिज तत्व भी प्राप्त हों। आजकल तो साफ एवं मिनरल्स युक्त पानी के लिए तरह-तरह के वॉटर प्यूरीफायर्स और उसे ठंडा करने के लिए रेफ्रिजरेटर का चलन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में हम पानी को स्टोर करने के उन परंपरागत माध्यमों को भूलते जा रहे हैं, जो सीधे तौर पर हमारी सेहत से जुड़े हुए हैं। यहां हम बात कर रहे हैं, मिट्टी की सुराही या मिट्टी के घड़े व मटके आदि की।
तो आइए इस लेख में हम जानते हैं कि मिट्टी के घड़े या सुराही में रखा हुआ पानी पीने से क्या-क्या लाभ मिलते हैं और यह किस तरह हमारी अच्छी सेहत को बरकरार रखने में मदद करता है।
मिट्टी के घड़े या मटके का पानी पीने के लाभ ( Health benefits of drinking clay pot water )
पीने का पानी रखने के लिए ये वो परंपरागत माध्यम हैं, जिनका काफी पहले से प्रयोग किया जाता रहा है। इसका उपयोग ना केवल पानी को प्राकृतिक रूप से ठंडा रखने के लिए किया जाता है, बल्कि इसके तार हमारी सेहत से भी जुड़े हुए हैं। जिस कारण चिकित्सक भी हमें मिट्टी के घड़े या मटके का पानी पीने की सलाह देते हैं। आगे जानें, किसलिए यह एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है।
गर्मी के भीषण दिनों में जब भी ठंडे पानी की बात की जाती है, तो ज्यादातर लोगों को सिर्फ और सिर्फ रेफ्रिजरेटर का बर्फीला पानी ही याद आता है। लेकिन यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि लगातार फ्रिज का पानी पीते रहने से हमारी सेहत पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
फ्रिज का कम तापमान वाला बर्फीला पानी हमारे शरीर के तापमान संतुलन को बिगाड़ सकता है। इसके अतिरिक्त यह गला खराब होने अथवा टॉन्सिल बढ़ने का भी कारण बन सकता है। वहीं अगर हम फ्रिज का बर्फीला पानी पीने के बजाय मिट्टी के घड़े या सुराही में रखा हुआ पानी पिएं, तो यह हमारे गले के लिए अच्छा होता है। साथ हीं शरीर की रस प्रक्रियाओं यानी मेटाबॉलिज्म (Metabolism) के लिए भी काफी अनुकूल होता है।
वाष्पीकरण के कारण यह ना केवल प्राकृतिक रूप से शीतल रहता है, बल्कि काफी संतुलित रूप से ठंडा होता है। इससे हमारी प्यास भी तुरंत ही बुझ जाती है और शरीर का तापमान भी बैलेन्स्ड रहता है, जबकि फ्रिज का पानी पीने पर ठीक इसका उल्टा प्रभाव होता है।
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मिट्टी के घड़े की एक खासियत यह भी होती है कि यह पानी में घुली हुई कई प्रकार की अशुद्धियों को सोख लेता है। इसमें पानी रखकर 3 से 4 घंटे तक के लिए छोड़ देने पर उसकी बहुत सी अशुद्धियां दूर हो जाती हैं। साथ हीं चुकि यह मिट्टी (Clay) से बना होता है, इसलिए इसमें रखा हुआ पानी मिनरल्स से भी भरपूर हो जाता है। इससे यह हमारे शरीर के विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता यानी कि इम्यूनिटी (Immunity) को बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त यह हमारे शरीर में मौजूद सूक्ष्म विषाक्त पदार्थों अर्थात टॉक्सिंस को साफ करने में भी मदद करता है, जिससे शरीर निरोग बना रहता है।
पेट व पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में भी मिट्टी के घड़े का पानी अति उत्तम होता है। चुकि मिट्टी के घड़े व सुराही आदि में कुछ समय तक पानी रखने पर वह संतुलित रूप से एल्कलाइन अर्थात क्षारीय गुणों से युक्त हो जाता है, जो हमारे पेेेट की अधिक अम्लीयता को दूर करके पीएच मान को संतुलित बनाए रखनेेे में सहायक होता है।
इसलिए यदि हम मिट्टी के घड़े या सुराही का पानी पीते हैं तो यह पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याओं जैसे, गैस, एसिडिटी, अपच एवं कब्ज आदि से निजात दिलानेे में सहायता करता है।
गर्मी के दिनों में धूप की तपिश और लू का प्रकोप बहुत अधिक होता है। इससे रक्षा करने में भी मिट्टी के घड़े व मटके का पानी पीना लाभकारी होता है। यह हमारे शरीर को शीतलता प्रदान करने के साथ साथ जरूरी खनिज तत्वों की पूर्ति भी करता है। साथ ही शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने में भी मदद करता है।
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तो इस प्रकार अपने जाना कि मिट्टी के घड़े मटके या सुराही का पानी पीना हमारी सेहत के लिए कितना लाभकारी हो सकता है। आप चाहेे तो आज से हीं इसका लाभ उठाना शुरू कर सकते हैं। लेकिन पानी के लिए मिट्टी का कोई भी बर्तन लेने के बाद उसका सही रखरखाव करना भी जरूरी है। जैसे, प्रतिदिन घड़े या मटके का पानी बदलना और हर 3 दिन बाद उसे अच्छी तरह साफ करना। ऐसा करके आप उसके पूरे फायदे ले सकते हैं।
ये तो हुई पानी की महत्ता की बात, लेकिन साथ ही इसकी गुणवत्ता भी उतनी ही आवश्यक है। तात्पर्य यह कि नियमित रूप से शरीर को पर्याप्त पानी की आपूर्ति होना तो जरूरी है हीं, साथ ही यह भी आवश्यक है कि पानी के साथ-साथ हमें संतुलित मात्रा में मिनरल्स अर्थात खनिज तत्व भी प्राप्त हों। आजकल तो साफ एवं मिनरल्स युक्त पानी के लिए तरह-तरह के वॉटर प्यूरीफायर्स और उसे ठंडा करने के लिए रेफ्रिजरेटर का चलन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में हम पानी को स्टोर करने के उन परंपरागत माध्यमों को भूलते जा रहे हैं, जो सीधे तौर पर हमारी सेहत से जुड़े हुए हैं। यहां हम बात कर रहे हैं, मिट्टी की सुराही या मिट्टी के घड़े व मटके आदि की।
तो आइए इस लेख में हम जानते हैं कि मिट्टी के घड़े या सुराही में रखा हुआ पानी पीने से क्या-क्या लाभ मिलते हैं और यह किस तरह हमारी अच्छी सेहत को बरकरार रखने में मदद करता है।
मिट्टी के घड़े या मटके का पानी पीने के लाभ ( Health benefits of drinking clay pot water )
पीने का पानी रखने के लिए ये वो परंपरागत माध्यम हैं, जिनका काफी पहले से प्रयोग किया जाता रहा है। इसका उपयोग ना केवल पानी को प्राकृतिक रूप से ठंडा रखने के लिए किया जाता है, बल्कि इसके तार हमारी सेहत से भी जुड़े हुए हैं। जिस कारण चिकित्सक भी हमें मिट्टी के घड़े या मटके का पानी पीने की सलाह देते हैं। आगे जानें, किसलिए यह एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है।
फ्रिज के ठंडे पानी से कहीं उत्तम ( Much better than chilled water )
गर्मी के भीषण दिनों में जब भी ठंडे पानी की बात की जाती है, तो ज्यादातर लोगों को सिर्फ और सिर्फ रेफ्रिजरेटर का बर्फीला पानी ही याद आता है। लेकिन यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि लगातार फ्रिज का पानी पीते रहने से हमारी सेहत पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
फ्रिज का कम तापमान वाला बर्फीला पानी हमारे शरीर के तापमान संतुलन को बिगाड़ सकता है। इसके अतिरिक्त यह गला खराब होने अथवा टॉन्सिल बढ़ने का भी कारण बन सकता है। वहीं अगर हम फ्रिज का बर्फीला पानी पीने के बजाय मिट्टी के घड़े या सुराही में रखा हुआ पानी पिएं, तो यह हमारे गले के लिए अच्छा होता है। साथ हीं शरीर की रस प्रक्रियाओं यानी मेटाबॉलिज्म (Metabolism) के लिए भी काफी अनुकूल होता है।
वाष्पीकरण के कारण यह ना केवल प्राकृतिक रूप से शीतल रहता है, बल्कि काफी संतुलित रूप से ठंडा होता है। इससे हमारी प्यास भी तुरंत ही बुझ जाती है और शरीर का तापमान भी बैलेन्स्ड रहता है, जबकि फ्रिज का पानी पीने पर ठीक इसका उल्टा प्रभाव होता है।
इसे भी पढ़ें - प्रत्येक विटामिन की पूर्ति के लिए आहार और कमी से होने वाले रोग
इम्यूनिटी बढ़ाकर निरोग बनाए ( Immunity booster )
मिट्टी के घड़े की एक खासियत यह भी होती है कि यह पानी में घुली हुई कई प्रकार की अशुद्धियों को सोख लेता है। इसमें पानी रखकर 3 से 4 घंटे तक के लिए छोड़ देने पर उसकी बहुत सी अशुद्धियां दूर हो जाती हैं। साथ हीं चुकि यह मिट्टी (Clay) से बना होता है, इसलिए इसमें रखा हुआ पानी मिनरल्स से भी भरपूर हो जाता है। इससे यह हमारे शरीर के विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता यानी कि इम्यूनिटी (Immunity) को बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त यह हमारे शरीर में मौजूद सूक्ष्म विषाक्त पदार्थों अर्थात टॉक्सिंस को साफ करने में भी मदद करता है, जिससे शरीर निरोग बना रहता है।
पेट व पाचन की गड़बड़ी दूर करने में सहायक ( Excellent for digestive system )
पेट व पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में भी मिट्टी के घड़े का पानी अति उत्तम होता है। चुकि मिट्टी के घड़े व सुराही आदि में कुछ समय तक पानी रखने पर वह संतुलित रूप से एल्कलाइन अर्थात क्षारीय गुणों से युक्त हो जाता है, जो हमारे पेेेट की अधिक अम्लीयता को दूर करके पीएच मान को संतुलित बनाए रखनेेे में सहायक होता है।
इसलिए यदि हम मिट्टी के घड़े या सुराही का पानी पीते हैं तो यह पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याओं जैसे, गैस, एसिडिटी, अपच एवं कब्ज आदि से निजात दिलानेे में सहायता करता है।
लू लगने से बचाए ( Protection against sunstroke )
गर्मी के दिनों में धूप की तपिश और लू का प्रकोप बहुत अधिक होता है। इससे रक्षा करने में भी मिट्टी के घड़े व मटके का पानी पीना लाभकारी होता है। यह हमारे शरीर को शीतलता प्रदान करने के साथ साथ जरूरी खनिज तत्वों की पूर्ति भी करता है। साथ ही शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने में भी मदद करता है।
इसे भी पढ़ें - गन्ने का जूस पीने के 10 हैरान कर देने वाले फायदे
इस दृष्टिकोण से भी बेहतर ( For good cause too )
एक ओर तो मिट्टी की सुराही व मटके में रखा हुआ पानी नेचुरल तरीके से ठंडा बना रहता है, जिससे कुछ सीमा तक बिजली की बचत भी की जा सकती है, जोकि रेफ्रिजरेटर चलाने में उपयोग होती है। साथ हीं यदि प्लास्टिक की बोतलों की जगह हम इन्हीं मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग करें तो यह इको फ्रेंडली भी रहता है।
इसके अतिरिक्त यह इस दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है कि इनके उपयोग में इस परंपरागत स्रोत के चलन को जीवित रखने के साथ-साथ, इसे बनाने एवं बेचने वालों का भी हित निहित होता है। इससे हम एक तरह का सामाजिक कार्य भी करते हैं।तो इस प्रकार अपने जाना कि मिट्टी के घड़े मटके या सुराही का पानी पीना हमारी सेहत के लिए कितना लाभकारी हो सकता है। आप चाहेे तो आज से हीं इसका लाभ उठाना शुरू कर सकते हैं। लेकिन पानी के लिए मिट्टी का कोई भी बर्तन लेने के बाद उसका सही रखरखाव करना भी जरूरी है। जैसे, प्रतिदिन घड़े या मटके का पानी बदलना और हर 3 दिन बाद उसे अच्छी तरह साफ करना। ऐसा करके आप उसके पूरे फायदे ले सकते हैं।
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